बात बेबात
अब राजनीति नहीं, हिजाबनामा चलेगा
विजय शंकर पांडेय
बिहार में इन दिनों स्वास्थ्य सेवाओं से ज़्यादा हेडलाइन मैनेजमेंट पर काम हो रहा है। उधर, राजधानी में इस हफ्ते सूरज उगा, चुनावी भाषण जमकर बरसे, और फिर कैमरों ने फोकस किया—हिजाब पर!
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब महिला चिकित्सक डॉ. नुसरत परवीन के पास पहुंचे, तो इलाज की बजाय ड्रेस कोड निरीक्षण शुरू कर दिए। हिजाब हटा तो जाहिर है मुद्दे को तूल पकड़ना ही था। मुख्यमंत्री ने कहा कि वो “सिर्फ बातचीत कर रहे थे”, पर जनता बोली—”बातचीत के साथ थोड़ी राजनीति भी हो गई!” डॉ. साहिबा तो चुप रहीं, मगर सोशल मीडिया बोल पड़ा। देखते-देखते बिहार की घटना बॉलीवुड से होते हुए ट्विटर यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई।
रही सही कसर यूपी के मंत्री संजय निषाद ने पूरी कर दी। संजय निषाद ने कहा कि नकाब (हिजाब) छू दिया तो इतना हो गया है, कहीं और छूते तब क्या हो जाता? कैबिनेट मंत्री के इस बयान पर बवाल बढ़ गया है। मुनव्वर राणा की बेटी और सपा नेता सुमैया राणा ने लखनऊ पुलिस को तहरीर देकर इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की अपील की है।
उधर राखी सावंत ने ज्ञान दिया—“ये मेरा स्टाइल नहीं, लेकिन किसी का स्टाइल क्यों छेड़ना?” जायरा वसीम ने कहा—“सम्मान भी कोई चीज़ होती है।” राखी सावंत ने तुरंत आड़े हाथों लिया, “ये देश सोशल मीडिया से नहीं, वीडियो वायरल होने से चलता है!” वहीं जायरा वसीम ने कहा, “मैं तो फिल्मों से किनारा कर चुकी, पर ये ड्रामा मुझसे भी आगे निकल गया।”
मुख्यमंत्री समर्थक बोले—“अरे, गलती से हो गया।” विरोधी बिफर पड़े। बीच में जनता बोली—“डॉक्टर इलाज करें, नेता हाथ मिलाएं। यह तो समझ में आता है, मगर यह क्या? हद है!” सबसे मजेदार ये कि अस्पताल में मरीज इंतजार करते रहे और देश में विचारधाराएं भर्ती हो गईं। इलाज टल गया, मगर मुद्दा वायरल हो गया। आख़िर में यही समझ आया—बिहार में बीमारी से पहले ब्रेकिंग न्यूज़ आती है, और इलाज से पहले ट्रेंडिंग हैशटैग।
टीवी डिबेट्स शुरू हुए – “क्या हिजाब हटाना लोकतंत्र का नया फेस वॉश है?” एक चैनल ने कहा—“आप बस देखिए, अगला ट्रेंड आएगा #BanOverreaction।”
और जनता? वो मीम बना रही है, रील शूट कर रही है, और एक दूसरे से पूछ रही है, “भाई, ये मुद्दा था या सिर्फ अगला एपिसोड? “देश में आसमान गिरने से पहले बस इतना पता चल गया—अब राजनीति नहीं, हिजाबनामा चलेगा।
