एमडीयू अधिकारी समेत तीन पर महिलाकर्मियों से मासिक धर्म साबित करने के लिए कहने पर मामला दर्ज
रोहतक। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) से जुड़े तीन लोगों पर यौन उत्पीड़न का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने शुक्रवार को कहा कि इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने महिला सफाई कर्मचारियों से निजी अंग की तस्वीरें लेकर यह साबित करने के लिए कहा कि उन्हें मासिक धर्म हो रहा है।
आरोपियों की पहचान सफाई सुपरवाइजर वितेंद्र और विनोद, तथा सहायक रजिस्ट्रार श्याम सुंदर के रूप में हुई है।
एजेंसी की खबर के अनुसार विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि उसने वितेंद्र और विनोद को निलंबित कर दिया है, जिन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के माध्यम से अनुबंध पर नियुक्त किया गया था।
बयान में कहा गया कि घटना की आंतरिक जांच के आदेश दिए गए हैं।
यह घटना 26 अक्टूबर को हरियाणा के राज्यपाल असीम कुमार घोष के परिसर के दौरे से कुछ घंटे पहले हुई थी।
तीन महिला सफाई कर्मचारियों ने विश्वविद्यालय अधिकारियों को दी गई शिकायत में आरोप लगाया कि दोनों सुपरवाइजरों ने पहले तो उन्हें ‘‘अस्वस्थ’’ बताए जाने के बावजूद परिसर की सफाई करने के लिए मजबूर किया और फिर उनसे यह साबित करने को कहा कि वे मासिक धर्म से गुजर रही हैं।
एक सफाई कर्मचारी ने आरोप लगाया, ‘‘हमने उन्हें बताया कि हम मासिक धर्म के कारण अस्वस्थ हैं, इसलिए हम तेजी से काम नहीं कर रहीं, लेकिन उन्होंने हमसे इसे साबित करने के लिए अपने निजी अंग की तस्वीरें लेने की मांग की। जब हमने मना किया, तो हमारे साथ दुर्व्यवहार किया गया और हमें नौकरी से निकालने की धमकी दी गई।’’
महिलाओं ने आरोप लगाया कि दोनों सुपरवाइजर ने उन्हें बताया कि वे सहायक रजिस्ट्रार श्याम सुंदर के आदेशों का पालन कर रहे हैं।
सुंदर ने सुपरवाइजर को ऐसा कोई निर्देश देने से इनकार किया है।
पीजीआईएमएस थाने के प्रभारी रोशन लाल ने बताया कि बुधवार को आपराधिक धमकी, यौन उत्पीड़न, महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने का इरादा और महिला पर हमला या आपराधिक बल प्रयोग के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई।
उन्होंने कहा कि आरोपियों पर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत भी मामला दर्ज किया जा सकता है।
रोशन लाल ने कहा, ‘‘शुक्रवार को एक महिला सफाई कर्मचारी का बयान दर्ज किया गया।’’

 
			 
			