लोकसभा चुनाव 19 अप्रैल से एक जून तक सात चरणों में होंगे, चार जून को आएंगे परिणाम

नई दिल्ली। निर्वाचन आयोग ने शनिवार को देश के अगले आम चुनावों की घोषणा कर दी। ये चुनाव 19 अप्रैल को शुरू होकर सात चरणों में संपन्न होंगे और नतीजे चार जून को घोषित किए जाएंगे। यह दुनिया की सबसे बड़ी चुनावी प्रक्रिया होगी।

इस चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार सत्ता में आने का प्रयास करेंगे, वहीं विपक्षी दल उनका विजय रथ रोकने के लिए पूरा दमखम लगाएंगे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करते हुए बताया कि 97 करोड़ से अधिक मतदाता 44 दिन में 10.5 लाख मतदान केंद्रों पर अपना वोट डालकर लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल हो सकेंगे। इनमें 49.7 करोड़ पुरुष, 47.1 करोड़ महिलाएं और 48 हजार ट्रांसजेंडर शामिल हैं।

उन्होंने मीडिया को बताया कि चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे और उसके बाद 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होंगे।

साल 2019 के पिछले आम चुनाव में कुल 91.2 करोड़ लोग मतदान के योग्य थे। इनमें से 61.5 करोड़ (67.4 प्रतिशत) ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था।

राजीव कुमार ने कहा कि उनका उद्देश्य इस चुनाव में मतदान प्रतिशत में सुधार करना और लगभग शून्य पुनर्मतदान के साथ शांतिपूर्ण एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के रिकॉर्ड को बेहतर बनाना है।

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए सभी प्रयास का रहा है और उसकी कोशिश 85 वर्ष से अधिक आयु के मतदाताओं तक उनके घरों पर पहुंचने की है ताकि उन्हें वोट डालने में मदद मिल सके।

मुख्य चुनाव आयुक्त के मुताबिक, इसी तरह की सुविधाएं 40 प्रतिशत से अधिक दिव्यांगता वाले व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होंगी। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है।

उन्होंने कहा कि यह हमारा वादा है कि हम एक राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराएंगे कि हम दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए एक प्रकाशस्तंभ बने रहें।’’

शनिवार को चुनाव की घोषणा से लेकर चार जून को परिणाम घोषित होने तक की पूरी चुनाव प्रक्रिया 82 दिनों की होगी।

अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में विधानसभा चुनाव 19 अप्रैल को और आंध्र प्रदेश में 13 मई को होंगे। ओडिशा विधानसभा के चुनाव चार चरणों में 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को होंगे।

कुमार ने दो नए निर्वाचन आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ संवाददाता सम्मेलन में कहा कि 26 विधानसभा क्षेत्रों के लिए उपचुनाव भी होंगे।

बिहार, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में सभी सात चरणों में मतदान होगा।

कुमार ने कहा कि चुनाव प्राधिकरण चार ‘एम’ की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए तैयार है – बाहुबल (मसल पावर), धनबल (मनी पावर), गलत सूचना (मिसइंफोर्मेशन) और आदर्श आचार संहिता (मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट) का उल्लंघन।

चुनाव और सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात कर्मियों सहित लगभग 1.5 करोड़ कर्मियों को चुनाव के सुचारू संचालन के लिए तैनात किया जाएगा।

सीमाओं पर ड्रोन आधारित जांच, भ्रामक विज्ञापनों और फर्जी खबरों पर कार्रवाई और चुनावी हिंसा के खिलाफ ‘सख्त’ कार्रवाई, चारों चुनौतियों से निपटने के लिए निर्वाचन आयोग की रणनीति का हिस्सा है।

आयोग द्वारा लोकसभा चुनावों की घोषणा किए जाने के तुरंत बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘एक्स’ पर एक के बाद एक पोस्ट किए और अपनी सरकार के 10 साल में भारत में हुए ‘शानदार बदलाव’ को रेखांकित किया और कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन सुशासन और विभिन्न क्षेत्रों में सेवा आपूर्ति के अपने पुराने रिकॉर्ड के आधार पर लोगों तक पहुंचेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि लोकसभा चुनाव लोकतंत्र और देश के संविधान को तानाशाही से बचाने का शायद आखिरी मौका है।

उन्होंने कहा, ‘‘2024 का लोकसभा चुनाव भारत के लिए ‘न्याय का दरवाजा’ खोलेगा। लोकतंत्र और हमारे संविधान को तानाशाही से बचाने का यह शायद आखिरी मौका होगा।’’

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में हर उम्मीदवार को सुरक्षा प्रदान करने और अन्य चुनौतियों के कारण एक साथ चुनाव कराना असंभव है।

जातीय हिंसा प्रभावित मणिपुर में शिविरों में रह रहे लोगों को वहां से मतदान करने की अनुमति दी जाएगी क्योंकि निर्वाचन आयोग ने दो लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में से एक में दो चरणों में मतदान की विशेष व्यवस्था की है।

लोकसभा चुनाव के 19 अप्रैल को पहले चरण में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 102 सीटों पर मतदान होगा।

कुमार ने बताया कि दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों की 89 सीटों पर मतदान होगा।

सात मई को तीसरे चरण में 12 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 94 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके साथ ही छह और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान पूरा हो जाएगा।

चौथे चरण में 13 मई को 10 राज्यों के 96 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान होगा। इसके साथ ही तीन और राज्य व केंद्र शासित प्रदेश मतदान पूरा कर लेंगे।

पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण में तीन और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान पूरा हो जाएगा।

लोकसभा चुनाव के छठे चरण में 25 मई को सात राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान होगा। इस चरण के साथ ही दो और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में मतदान पूरा हो जाएगा।

सातवें और अंतिम चरण में एक जून को आठ राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की 57 सीटों पर मतदान होगा।

कुमार ने राजनीतिक दलों को नफरत भरे भाषणों, जातिगत या धार्मिक अपील, निजी जीवन के किसी भी पहलू की आलोचना, विज्ञापनों को समाचार के रूप में दिखाने और सोशल मीडिया पोस्ट में प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम या अपमानित करने के खिलाफ आगाह किया।

उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौश्रान शिष्टाचार बनाए रखने के लिए स्टार प्रचारकों पर जिम्मेदारी होनी चाहिए।

पिछले चुनावों के दौरान आचार संहिता के उल्लंघनों से निपटने में पक्षपात के आरोपों के बारे में पूछे गए एक सवाल के जवाब में कुमार ने कहा, ‘‘जहां भी किसी के खिलाफ उल्लंघन का मामला होगा, चाहे वह कितना भी लोकप्रिय नेता क्यों न हो, हम चुप नहीं बैठेंगे, हम कार्रवाई करेंगे। पहले हम नैतिक रूप से निंदा किया करते थे।’’

उन्होंने कहा कि आयोग हिंसामुक्त चुनाव कराने के लिए प्रतिबद्ध है। कुमार ने कहा, ”हम पूरी तरह तैयार हैं और मैं मतदाताओं से अनुरोध करता हूं कि वे स्याही (मतदान वाली) लगवाएं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।’’

उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग राष्ट्रीय चुनाव इस तरह से कराने का वादा करता है कि वैश्विक मंच पर भारत का गौरव बढ़े।

कुमार ने कहा, ”सभी राज्यों में आकलन के बाद हम एक यादगार, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने को लेकर आश्वस्त हैं।’’

साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भी 11 अप्रैल से 19 मई के बीच सात चरणों में मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम 23 मई को घोषित किये गए थे।

उस चुनाव में कुल 91.2 करोड़ योग्य मतदाता थे, जिनमें लगभग 43.8 करोड़ महिला मतदाता और लगभग 47.3 करोड़ पुरुष मतदाता थे। कुल लगभग 61.5 करोड़ वोट डाले गए थे और 67.4 प्रतिशत मतदान हुआ था।

साल 2019 के चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 303, कांग्रेस ने 52, तृणमूल कांग्रेस ने 22, बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 10, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने पांच, माकपा ने तीन और भाकपा ने दो सीट जीती थीं।