नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि लोकसभा में अपनी कम संख्या के बावजूद वाम दल सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ विभिन्न मुद्दों पर संघर्ष में एजेंडा तय करने में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने इस क्रम में अनुच्छेद 370, संशोधित नागरिक कानून (सीएए), कृषि कानून और चुनावी बॉण्ड जैसे मुद्दों का जिक्र किया।
मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनावों में उनकी पार्टी के प्रदर्शन में सुधार होगा।
येचुरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दक्षिणी राज्यों में अपने पैर नहीं जमा सकेगी।
मतदाताओं के सिमटते आधार का सामना कर रहे वाम दलों के लिए मौजूदा लोकसभा चुनाव वस्तुतः ‘‘करो या मरो’’ जैसी स्थिति है।
निवर्तमान लोकसभा में वाम दलों के केवल पांच सदस्य हैं जिनमें माकपा के तीन और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के दो सदस्य हैं। लगभग छह दशक में वाम दलों की यह न्यूनतम संख्या है।
वामपंथी दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का हिस्सा हैं।उन्होंने कहा, ‘‘आप देखिए, निश्चित रूप से वाम का प्रदर्शन पिछले चुनाव से बेहतर होगा। लेकिन मुद्दा… वामपंथियों के लिए अहम बात यह नहीं है कि आप कितनी सीट जीतते हैं, बल्कि अहम बात यह है कि आप कितना एजेंडा तय कर रहे हैं?”
येचुरी ने वामपंथियों द्वारा उठाए गए विभिन्न मुद्दों का जिक्र करते हुए कहा, “आप पिछले पांच साल को देखें, भाजपा द्वारा लाए गए हर एक मुद्दे, जिसे हम विभाजनकारी मानते हैं और भारत के संविधान के अनुरूप नहीं मानते हैं… उन पर जनता का संघर्ष और एजेंडा वाम की पहल तय कर रही थी।”
उन्होंने कहा, “इसकी शुरुआत सबसे पहले ‘अनुच्छेद 370’ से हुई। अनुच्छेद 370 मुद्दे पर सबसे पहले वाम ने संघर्ष किया था और वास्तव में, मैं पहला नेता था जो उच्चतम न्यायालय के आदेशों के साथ श्रीनगर जाने में कामयाब रहा…।’
‘पांच अगस्त, 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किए जाने के बाद राजनीतिक दलों के नेताओं को हिरासत में लिया गया था और जम्मू-कश्मीर में कर्फ्यू लागू किया गया था। येचुरी ने अपनी पार्टी के नेता यूसुफ तारिगामी की हिरासत के संबंध में उच्चतम न्यायालय में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।
येचुरी को बीमार नेता से मिलने के लिए श्रीनगर जाने की अनुमति दी गई थी। तारिगामी को एम्स में इलाज के लिए दिल्ली आने की अनुमति भी दी गई थी।वाम नेता ने कहा, ” उसके बाद, उस देशव्यापी बहस और प्रदर्शन तथा उच्चतम न्यायालय में चुनौती देने में वामपंथी सबसे आगे थे।”
येचुरी ने कहा, “चाहे वह चुनावी बॉण्ड का सवाल हो, चाहे वह बिलकिस बानो का सवाल हो… उनमें से हर एक पर वाम की पहल एजेंडा तय कर रही थी।’’
उन्होंने विश्वास जताया कि लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने कहा, “हम विभिन्न राज्यों से लोकसभा में आएंगे। पिछली बार हमारी जो संख्या थी, उससे अधिक। पिछली बार हम तमिलनाडु और केरल से आए थे। इस बार संख्या कहीं अधिक होगी।”