चंडीगढ़ सीनियर डिप्टी मेयर, मेयर चुनाव के पुनर्मतदान में देरी की आशंका

  • मेयर कुलदीप ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला दे सोमवार को नहीं संभाला कार्यभार
  • 27 फरवरी को होना है मतदान, मेयर हैं पीठासीन अधिकारी
  • चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम में चुनाव को लेकर खेल जारी है। पहले भाजपा के नेताओं ने समय समय पर नाटक किया और अब बारी आम आदमी पार्टी की है। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के लिए पुनर्मतदान से एक दिन पहले, कुलदीप कुमार ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पदभार संभालने में अपनी असमर्थता जताई है। पहले उन्होंने सोमवार को सुबह साढ़े 10 बजे कार्यभार संभालने की बात कही थी।

गौरतलब है कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के मतदान के पहले तत्कालीन पीठासीन अधिकारी और भाजपा नेता अनिल मसीह की तबीयत भी ऐनवक्त पर खराब हो गई थी और चुनाव करीब 15 दिन के लिए टाल दिया गया था। आप और कांग्रेस हाईकोर्ट गई तब कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव कराया गया। फिर मतदान के दौरान पीठासीन अधिकारी ने मेयर और डिप्टी मेयर चुनाव के दिन विपक्ष के आठ वोट अवैध घोषित कर भाजपा के मेयर प्रत्याशी को विजेता घोषित कर दिया था। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा मामले में तुरंत संज्ञान न लेने पर आम आदमी पार्टी के मेयर पद के प्रत्याशी कुलदीप कुमार सुप्रीम कोर्ट चले गए। सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को उन्हें विजेता घोषित किया था। लेकिन तब तक भाजपा आम आदमी पार्टी के तीन पार्षदों को दलबदल करवाकर पार्टी में शामिल करवा चुकी थी।
उधर, कांग्रेस के सीनियर डिप्टी मेयर और मेयर पद के प्रत्याशी हाईकोर्ट गए तो वहां से 27 फरवरी को पुनर्मतदान का आदेश दे दिया गया। महापौर दोनों चुनावों के लिए पीठासीन अधिकारी हैं।

अब संख्या बल के हिसाब से भाजपा का नगर निगम में बहुमत है। भाजपा ने अपने पार्षदों को पंचकूला के मोरनी के एक रिसार्ट में रोक रखा है, जबकि कुछ दिन पहले भाजपा में शामिल हुए तीन आप पार्षदों के बारे में कहा जा रहा है कि वे गुरुग्राम में हैं और वे पहुंच से बाहर हैं।

माना जा रहा है कि मेयर कुलदीप कुमार की यह एक चाल हो सकती है ताकि मंगलवार को होने वाले पुनर्मतदान को टाला जा सके और इस दौरान उन आप पार्षदों को वापस लाया जा सके और मतदान संख्या को प्रभावित किया जा सके।