टीटी को मंत्री बनाना भी भाजपा को काम नहीं आया, चुनाव हारे

  • कांग्रेस के कुन्नर ने 11 हजार वोटों से भाजपा प्रत्याशी को हराया, मंत्री ने दिया इस्तीफा
  • विधायक चुने जाने से पहले मंत्री बनाए गए थे सुरेंद्र पाल सिंह टीटी

भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीतने के लिए कुछ भी कर सकती है। राजस्थान में उसने चुनाव में खड़े प्रत्याशी को मंत्री बनाकार जो दांव चला था जनता ने उसे ठुकरा दिया और सुरेंद्र पाल सिंह टीटी 11 हजार वोटों से हार गए। हार के बाद मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी ने राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पद से इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल राजस्थान के श्रीकरणपुर सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर का चुनाव के दौरान ही निधन हो गया था। इसके चलते वहां चुनाव स्थगित कर दिया गया था। पूरे प्रदेश का परिणाम आने के बाद चुनाव आयोग ने श्रीकरणपुर में चुनाव कराने की घोषणा की।

कांग्रेस ने गुरमीत के बेटे रुपिंदर कुन्नर को प्रत्याशी बनाया तो भाजपा ने टीटी को प्रत्याशी बनाया और जब मंत्रिमंडल का गठन हुआ तो टीटी को मंत्री बना दिया। ऐसा पहली बार हुआ कि कोई व्यक्ति चुनाव में प्रत्याशी हो और उसे मंत्री बना दिया जाए। कांग्रेस ने इसकी आलोचना करते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की लेकिन उस पर कोई सुनवाई नहीं हुई।

भाजपा का कहना था कि बिना विधायक बने किसी को भी छह माह के लिए मंत्री बनाया जा सकता है। इसलिए टीटी को मंत्री बनाना गलत नहीं है। जनता ने अपना फैसला सुना दिया और आठ दिन के मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह टीटी सोमवार की हुई मतगणना में कांग्रेस के रुपिंदर सिंह कुन्नर से 11 हजार 261 वोटों से हार गए।