फतेहाबाद में बैंक से फसल बीमा डेटा गायब होना हजारों किसानों के साथ धोखा: कुमारी सैलजा

फतेहाबाद में बैंक से फसल बीमा डेटा गायब होना हजारों किसानों के साथ धोखा: कुमारी सैलजा

चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि फतेहाबाद के किसानों की शिकायतों पर खुलासा हुआ है कि दो बैंकों से हजारों किसानों का फसल बीमा डेटा गायब है और किसानों को क्लेम नहीं मिला, हरियाणा सरकार की किसान विरोधी नीतियों और बैंकिंग व्यवस्था की लापरवाही का स्पष्ट प्रमाण है। डेटा गायब होना किसानों के साथ धोखा है। यह मामला केवल तकनीकी गड़बड़ी नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और भ्रष्टाचार की बू देता है। किसान पहले ही मौसम की मार और लागत बढऩे से परेशान है। अब जब बैंक और सरकार मिलकर उसका बीमा हक भी छीन लें, तो यह दोहरी मार है।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों ने अपनी फसल का बीमा भरकर सरकार और बैंकों पर भरोसा जताया था, लेकिन अब वही किसान जब फसल बर्बाद होने के बाद अपने हक का क्लेम मांग रहे हैं, तो डेटा गायब बता कर उन्हें टाल दिया जा रहा है यह अस्वीकार्य है। सांसद ने सरकार से मांग की है कि राज्य सरकार तत्काल इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए, जिन बैंकों से डेटा गायब हुआ है, उन पर कठोर कार्रवाई हो, प्रभावित सभी किसानों को बिना देरी के बीमा क्लेम का पूरा भुगतान किया जाए और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचाव के लिए बीमा पोर्टल और बैंकों की डेटा सुरक्षा प्रणाली को सुदृढ़ किया जाए।

सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के साथ खड़ी है और यदि सरकार ने शीघ्र कार्रवाई नहीं की, तो इस मुद्दे को लोकसभा और सडक़ों दोनों पर मजबूती से उठाया जाएगा। हरियाणा का किसान पहले ही मौसम की मार और लागत बढऩे से परेशान है। अब जब बैंक और सरकार मिलकर उसका बीमा हक भी छीन लें, तो यह दोहरी मार है।

सैलजा के पत्र पर हरियाणा सरकार हुई सक्रिय

सांसद कुमारी सैलजा द्वारा मुख्यमंत्री को लिखे गए पत्र के उत्तर में हरियाणा सरकार ने कार्रवाई करते हुए जिला खाद्य एवं पूर्ति अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि प्रदेशभर में गैस पाइपलाइन डालने के कार्य में ट्रेंचलेस टेक्नोलॉजी का अनिवार्य रूप से उपयोग किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस प्रक्रिया के दौरान किसी भी सडक़ को न तोड़ा जाए, जिससे आम जनता को परेशानी न हो और करोड़ों रुपये की सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा बनी रहे।

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