त्रिपुरा में माकपा का पुस्तक स्टॉल हटाया
पार्टी ने कहा, प्रगतिशील साहित्य को दबाने का प्रयास
अगरतला। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की त्रिपुरा इकाई ने बुधवार को यहां छात्र-युवा भवन के सामने स्थापित एक पुस्तक स्टॉल को गिराए जाने की निंदा की और आरोप लगाया कि यह प्रगतिशील साहित्य को दबाने का प्रयास है।
पार्टी ने कहा कि प्रगतिशील विचारों और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए दुर्गा पूजा और राजनीतिक आयोजनों के दौरान पुस्तक स्टॉल लगाने की उसकी लंबे समय से परंपरा रही है।
माकपा के पश्चिमी जिला सचिव रतन दास ने कहा, “अगरतला नगर निगम (एएमसी) का एक कार्यबल पार्टी के युवा संगठन के मुख्यालय छात्र-युवा भवन के सामने इकट्ठा हुआ और मंगलवार को पुस्तक स्टॉल को इस आधार पर ध्वस्त कर दिया कि यह सड़क को अवरुद्ध कर रहा था।”
उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) किताबों से डरती है, लेकिन किताबों की दुकान सड़क को अवरुद्ध नहीं कर रही है, जैसा कि नगर निगम ने दावा किया।
उन्होंने आरोप लगाया, “पूजा के दिनों में सड़कों पर बिना अनुमति के खाने-पीने की कई अस्थायी दुकानें खुलती हैं, लेकिन हमारी किताबों की दुकान को जानबूझकर तोड़ दिया गया। यह नया फासीवाद है।”
महापौर दीपक मजूमदार ने कहा कि माकपा ने पूजा के दिनों में श्रद्धालुओं की आवाजाही में बाधा डालते हुए विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर पुस्तक स्टॉल लगा दिए।
मजूमदार ने कहा, “मैंने कार्यबल से सड़कों पर लगे सभी अनधिकृत स्टॉल हटाने को कहा। उन्होंने दुर्गा पूजा के दौरान सड़कें अवरुद्ध करके कार्ल मार्क्स और व्लादिमीर लेनिन पर किताबें बेचने के लिए बुक स्टॉल लगा रखे हैं।”
मजूमदार ने कहा, “जो लोग पूरे साल लोगों की नजरों से दूर रहते हैं, वे अब पूजा के दौरान मार्क्स और लेनिन पर किताबें बेचने की कोशिश कर रहे हैं। यह गलत चलन है।”