साहित्य/पुस्तक समीक्षा नागार्जुन की कविता का निहितार्थ नागार्जुन की कविता का निहितार्थ विमल वर्मा रचनाकार का अन्तःकरण एक रणस्थल होता है। वह शब्दों से अपने भीतर… Pratibimb Media19 May 202519 May 2025
Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा मैं साहित्य का भूगोल भी जानना चाहता हूं मैं साहित्य का भूगोल भी जानना चाहता हूं मृण्मय प्रामाणिक छोटानागपुर क्षेत्र के सबसे बड़े भाषा समूहों में से एक… Pratibimb Media15 May 202515 May 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत अजय शुक्ल की कहानी – कर्नल साहब की दाढ़ी कर्नल साहब की दाढ़ी अजय शुक्ल की कहानी है। उन्होंने कई साल पहले की घटना के साथ कल्पना को मिलाया… Pratibimb Media15 May 202515 May 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत तो तुम लेखक बनना चाहते हो भुवेंद्र त्यागी लेखक, अनुवादक और पत्रकार हैं। आज उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर एक कविता पोस्ट की। चार्ल्स बुकोवस्की की… Pratibimb Media12 May 202512 May 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत मार्क्स ! हर दिन तुम्हारा जन्मदिन है ! तीन मई को कार्ल मार्क्स का जन्मदिन था। सरला माहेश्वरी की कविता अरुण माहेश्वरी ने अपनी फेसबुक वाल पर दी… Pratibimb Media6 May 20256 May 2025
समाचारसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी सुभाष पंत: द्वंद्वों और संघर्षों का शानदार कथाकार सुभाष पंत: द्वंद्वों और संघर्षों का शानदार कथाकार देहरादून में सुभाष पंत स्मृति एवं विमर्श समारोह का आयोजन देहरादून। उत्तराखंड… Pratibimb Media5 May 20255 May 2025
Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा मार्क्सवाद के नए विचार मार्क्सवाद के नए विचार अचिन चक्रवर्ती अनूप धर और अंजन चक्रवर्ती ने चर्चित पुस्तक में सामाजिक परिवर्तन की राजनीति की… Pratibimb Media4 May 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत जयपाल की घुड़चढ़ी पर कविताएं जयपाल की घुड़चढ़ी पर तीन कविताएं दलित दुल्हे को विवाह में घुड़चढ़ी के वक्त घोड़ी से उतार देना,उससे दुर्व्यवहार करना… Pratibimb Media3 May 20254 May 2025
Blogसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अंबेडकरवाद के विरुद्ध चुनौतियाँ: एक विश्लेषण वर्तमान परिप्रेक्ष्य में अंबेडकरवाद के विरुद्ध चुनौतियाँ: एक विश्लेषण डॉ. रामजीलाल डॉ. रामजीलाल अंबेडकरवाद की अवधारणा एवं मुख्य विशेषताएं डॉ.… Pratibimb Media3 May 20253 May 2025
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत मजदूर दिवस पर जयपाल की दो कविताएं मजदूर जयपाल मजदूर पेड़ के बीज में छिपा होता है बन जाता है जड़,तना और पत्ते महक जाता है फूल… Pratibimb Media1 May 20251 May 2025