Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत

देखिए ना, भगवानों का दिया हुआ सब कुछ तो है…

   मुनेश त्यागी   जुल्म है  गरीबी है शोषण है अन्याय है। बेबसी है बेकसी है लाचारी है भुखमरी है। …

राष्ट्रीयसमाचारसाहित्यिक रिपोर्ट /संगोष्ठी

पृथकतावाद की ताकतें बेशक कमजोर हुईं हैं लेकिन समाप्त नहीं 

चंडीगढ़ में प्रगतिशील लेखक संघ पंजाब का आयोजन, राष्ट्रीय सेमिनार में उठे तमाम मुद्दे आज के दौर में जब ख्यालों…

Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा

चैतन्य और सौंदर्य से बनती है कला !

 मंजुल भारद्वाज  चैतन्य और सौंदर्य मिलकर बनाते हैं कला। कला मनुष्य को मनुष्य बनाते हुए इंसानियत का भाव और चैतन्य…

Blogसाहित्य/पुस्तक समीक्षा

पतला भूत, मोटा भूत, पिता भूत, लड़की भूत! भूत चतुर्दशी से पहले भूत-प्रेत की अनकही बातें

रक्षसुंदर बनर्जी भूत का अर्थ है अतीत। वह अतीत हमारे जीवन में वापस आता है। बांग्ला साहित्य में ऐसे अनेक…

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टी.एस. इलियट की कविताएं

कवि और अनुवादक दीपक वोहरा ने अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि टी.एस. इलियट की कविताओं का अनुवाद किया है। उन्होंने केवल…

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हिंदू -मुस्लिम एकता और आजादी के हामी महान क्रांतिकारी शहीद अशफाक उल्लाह खान

 मुनेश त्यागी “मेरा दिल गरीब किसानों और दुखिया मजदूरों के लिए हमेशा दुखी रहता है। हमारे शहरों में रौनक इन्हीं…

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रोज़लीन की तीन कविताएं

गीली गार के खिलौने समाजिक स्तंभ कैसे खड़े करूं अपनी कविता में? जबकि! समूची दुनिया से दूर कहीं छुट –…

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कार्ल सैंडबर्ग की कविताएं शिकागो और घास

कार्ल सैंडबर्ग अमेरिका के एक महत्त्वपूर्ण कवि हैं। उन्हें हम जनवादी कवि कह सकते हैं। सैंडबर्ग ने शिकागो के बारे…