बिहार सरकार ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का वेतन रोका

  • शिक्षा विभाग की बैठक में शामिल नहीं होने पर उठाया कठोर कदम
  • विभाग ने कुलपतियों को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण भी मांगा

पटना। बिहार सरकार ने दो दिन पहले शिक्षा विभाग द्वारा बुलाई गई समीक्षा बैठक में कथित तौर पर अनुपस्थित रहने के लिए एक को छोड़कर सभी राज्य-संचालित विश्वविद्यालयों के बैंक खातों को फ्रीज करने का आदेश दिया है और उनके कुलपतियों का वेतन भी रोक दिया है।

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शिक्षा विभाग ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पत्र जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है कि वे लंबित परीक्षाओं की स्थिति और अन्य मुद्दों पर चर्चा के लिए बैठक में क्यों शामिल नहीं हुए।

विभाग द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि अगर विभाग को दो दिनों के भीतर कुलपतियों से संतोषजनक जवाब नहीं मिलता है, तो वह अधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराएंगे।

इस बीच, कुलपतियों के वेतन का भुगतान रोक दिया गया है और बैंकों को अगले आदेश तक संबंधित विश्वविद्यालयों के किसी भी खाते का संचालन नहीं करने का निर्देश भी जारी किया है।

शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव द्वारा जारी पत्र मगध विश्वविद्यालय और कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक को भी भेजा गया है।

पत्र के मुताबिक विभाग ने विश्वविद्यालयों में परीक्षाओं के लंबित/विलंबित होने जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए बुलाई गई बैठक में कुलपतियों की अनुपस्थिति पर कड़ी आपत्ति जताई।

पत्र में कहा गया है कि कुलपति लोक सेवक के रूप में अपने कर्तव्यों का पालन करने में विफल रहे हैं।

राज्य सरकार ने पिछले साल अगस्त में मुजफ्फरपुर में स्थित बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति और प्रति-कुलपति का कथित तौर पर अपने अधिकार क्षेत्र में शैक्षणिक संस्थानों का निरीक्षण करने में विफल होने और साथ ही बुलाई गई समीक्षा बैठक में भाग नहीं लेने के लिए वेतन रोक दिया था।

विभाग ने शीर्ष अधिकारियों और विश्वविद्यालय के खातों से लेनदेन पर रोक लगाने का आदेश दिया था।