- विधानसभा में राज्यपाल के भाषण के समय भाग जाने पर विरोधी पक्ष पर जम कर बरसे मुख्यमंत्री मान
- विरोधी पक्ष के विधायकों के सदन से भागने से रोकने के लिए विधान सभा के स्पीकर को तोहफ़े के तौर पर ताला भेंट किया
चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने सोमवार को राज्यपाल के भाषण से भाग जाने के लिए विरोधी पक्ष पर जम कर बरसे। उन्होंने कहा कि वास्तव में राज्य की तरक्की और ख़ुशहाली के लिए किये जा रहे प्रयास विरोधी पार्टी के विधायकों को हज़म नहीं हो रहे।
सदन में राज्यपाल के भाषण पर चर्चा में हिस्सा लेते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी नेताओं को राज्य की जरा भी परवाह नहीं बल्कि यह लोग किसी न किसी ढंग से राजनैतिक चौधरी बने रहना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार किसानों की भलाई के लिए अथक यत्न कर रही है तो विरोधी पार्टी अन्नदाताओं के मुद्दों पर सिर्फ़ मगरमच्छ के आंसू बहा रही है।
भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं के शक्की किरदार करके इनको राज्य के लोगों ने मुंह नहीं लगाया और अब आगामी लोक सभा चुनाव में भी यह पंजाब निवासी इनको सबक सिखाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों में राज्य सरकार ने लोगों की भलाई के लिए बेमिसाल कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि विरोधी पक्ष को लोगों की भलाई या लोगों की खुशहाली के साथ कोई लेना-देना नहीं बल्कि इन नेताओं को सिर्फ़ सत्ता हासिल करने की चिंता है।
इन लोगों की बुरी नीतियों ने राज्य का भविष्य तबाह कर दिया है। लोगों को दो समय की रोटी का बंदोबस्त करने के लिए मामूली जैसी नौकरियाँ करनी पड़ीं हैं, जबकि इन लोगों ने अपने पिता-दादों के तस्करी के ’सोने के बिसकुटों’ के सहारे ज़िंदगी का आनंद माना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो सालों में सरकार ने एक बार भी यह नहीं कहा कि राज्य का ख़ज़ाना खाली है। उन्होंने कहा कि राज्य का एक-एक पैसा लोगों की भलाई के लिए सूझ-बूझ के साथ इस्तेमाल किया गया है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि पिछले दो सालों के दौरान राज्य ने बेमिसाल तरक्की और विकास किया है जिसको यह नेता हज़म नहीं कर सके।
भगवंत मान ने कहा कि इन नेताओं को आम आदमी क्लीनिक, तीर्थ यात्रा योजना, स्कूल आफ एमिनेंस, मुफ़्त बिजली, बुनियादी ढांचे का बड़े स्तर पर विकास या अन्य जन हितैषी पहलकदमियों की कोई परवाह नहीं।
उन्होंने कहा कि इन लालसी नेताओं को सिर्फ़ सत्ता की भूख है क्योंकि यह लोग इसके बिना नहीं रह सकते और विरोधी पक्ष में रह कर इनका गुज़ारा अब बहुत कठिन हो रहा है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं की निराशाजनक कारगुज़ारी से तंग आकर लोगों ने साल 2022 में ग़ैर-राजनैतिक पृष्टभूमि वाले 95 प्रतिशत लोगों को अपने विधायक चुना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 1080 करोड़ रुपए की लागत के साथ निजी कंपनी के जी. वी. के. पावर की मालिकी वाले गोइन्दवाल पावर प्लांट को खरीद कर सफलता की नयी कहानी लिखी है।
उन्होंने कहा कि राज्य में पहली बार उल्टा रुझान देखने को मिला है क्योंकि सरकार ने प्राईवेट पावर प्लांट खरीदा है जबकि पहले राज्य सरकारें अपनी जायदादें चहेते व्यक्तियों को कौड़ियों के भाव बेचती थीं।
भगवंत सिंह मान ने बताया कि इस थर्मल प्लांट का नाम तीसरे सिख गुरू श्री गुरु अमरदास जी के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अपना ज़्यादातर समय गोइन्दवाल साहिब में बिताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि इनमें से बहुत से नेता ‘मौकापरस्त और दल-बदलते’ हैं जो अपने स्वार्थों अनुसार वफ़ादारी बदल लेते हैं।
उन्होंने कहा कि इन नेताओं ने कभी भी आम आदमी की भलाई की परवाह नहीं की और हमेशा अपने हितों को पहल दी। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन नेताओं ने सिर्फ़ अपनी हाईकमान को खुश करने के लिए पंजाब का पैसा दूसरे राज्यों में लुटा दिया है, जिससे सरकारी खजाने को भारी नुक्सान हुआ है और इसको सहन नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने सदन के स्पीकर को ताला भेंट करके विधान सभा सदन के गेट को अंदर से ताला लगाने की अपील की जिससे विरोधी पक्ष बाहर न जा सके।
उन्होंने कहा, “राज्यपाल के भाषण के दौरान विरोधी पक्ष सदन से भाग गई थी, सदन के निगरान के तौर पर स्पीकर को यह यकीनी बनाना चाहिए कि विरोधी पक्ष सदन से न भागे। विरोधी पक्ष को रोज़मर्रा के किसी न किसी बहाने सदन से भागने की आदत है, जिसकी इजाज़त नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि यह सदन का मज़ाक है।“
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के समूचे इतिहास में स्पीकर को कभी भी किसी ने ऐसा तोहफ़ा नहीं दिया होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि लोगों ने इन नेताओं को सदन की कार्यवाही के दौरान भागने के लिए नहीं चुना, बल्कि इनको बहसों में हिस्सा लेने के लिए चुना गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र को बचाने का एकमात्र मकसद है और इस नेक कार्य के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जायेगी।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि विरोधी पक्ष राज्यपाल के भाषण से सिर्फ़ इसलिए भाग गया है क्योंकि वह सच्चाई सुनना नहीं चाहते थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पक्ष विधान सभा के लम्बे सेशन की मांग करता था परन्तु अब वह इसमें उपस्थित होने से भाग रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि विरोधी पक्ष ने वॉकआउट करके अपनी बैठकों को खतरे में डालना है तो लम्बे सैशनों का कोई फ़ायदा नहीं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तरह सदन में से भाग जाना विरोधी पक्ष के पतन का कारण है क्योंकि लोक महत्व वाले मुद्दों से भागने के उनके ऐसे रवैये को लोग पहले ही नकार कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य मसलों से भाग जाना कांग्रेस के डी. एन. ए. में है और इसी राह पर राज्य कांग्रेस चल रही है। इसकी मिसाल देते हुये उन्होंने कहा कि जब देश में बजट सत्र चल रहा था तो उस समय पर कांग्रेस का सीनियर नेता राहुल गांधी छत्तीसगढ़ के जंगलों में भटक रहे थे।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि देश में कांग्रेस सबसे ग़ैर-जिम्मेदाराना पार्टी है जिसको आम व्यक्ति की जरा भर भी परवाह नहीं। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह नेता मेरे साथ ईर्ष्या करते हैं क्योंकि यह इस बात से बुरी तरह बौखलाए हुए हैं कि साधारण व्यक्ति का पुत्र राज्य सरकार की बागडोर क्यों संभाले बैठा है।
आम लोगों के उलट यह नेता महंगे शाल और गहनों का प्रदर्शन करते हैं। “ भगवंत सिंह मान ने कांग्रेसी नेताओं को यह बताने की चुनौती दी कि क्या उनको इस पवित्र सदन का कीमती समय बर्बाद करने के लिए चुना गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह लोग शहीद भगत सिंह जैसे नायकों के महान बलिदानों का निरादर कर रहे हैं जिन्होंने देश में लोकतंत्र प्रणाली लागू करने के लिए जानें न्योछावर कर दीं थीं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेसी विधायकों को सदन में मिले समय के दौरान नारेबाज़ी करने में समय बर्बाद करने की बजाय राज्य सरकार की जनहित मुद्दों पर विरोध करना चाहिए था।
भगवंत सिंह मान ने राज्य में लोकतांत्रिक मूल्यों का नुकसान पहुंचाने के लिए कांग्रेस पार्टी की सख़्त अलोचना की। उन्होंने कहा कि आगामी मतदान में इस पार्टी का राज्य में नामो-निशान मिट जायेगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी अब घुटनों के बल पर आ गयी है और यह पार्टी हर रोज़ ’आप’ के पास गठजोड़ करने के लिए विनतियां कर रही है।
उन्होंने कहा कि यह राजनैतिक नेता चल हुए कारतूस हैं, जिनका लोगों में कोई आधार नहीं है और लोगों की तरफ से इनको पूरी तरह नकारा जा चुका है।
भगवंत सिंह मान ने कहा “जहाँ ‘आप’ के विधायक बचपन से ही आटो के बने बिस्कुट खाते आ रहे हैं, वहीं कांग्रेस के चोटी के नेताओं के पास अपने पिता-दादों की तरफ से तस्करी के द्वारा लाए गए सोने के बिस्कुट थे। “
बादल परिवार द्वारा निजी फ़ायदे के लिए राज्य के करोड़ों रुपए लूटने की आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सुखविलास होटल के निर्माण के लिए बादलों को लाभ पहुंचाने के लिए सात सितारा रिजॉर्ट के लग्जरी टैक्स और अन्य को माफ किया गया। उन्होंने कहा कि यह बड़ा दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस रिजॉर्ट के 108 करोड़ रुपये माफ कर दिए गए जिससे सरकारी खजाने को भारी नुक्सान हुआ है।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि वास्तव में मेट्रो इकौ ग्रीन रिजोर्ट गांव पल्लणपुर जिसको अब सुखविलास कहा जाता है, राज्य के लिए असली दुख विलास है क्योंकि यह पंजाबियों के ख़ून निचौड़ कर बनाया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नेता देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था पर कलंक हैं क्योंकि इनमें शिष्टाचार की कमी है। उन्होंने कहा कि चाहे यह कान्वेंट स्कूलों में पढ़े हैं, परन्तु इनमें किसी के साथ बात करने की तहज़ीब भी नहीं है क्योंकि यह अहंकारी और सत्ता के नशे में हैं।
नवजोत सिंह सिद्धू की तुलना कठुआ से पंजाब की ओर बिना चालक के चली माल गाड़ी के साथ करते हुए भगवंत सिंह मान ने कहा “ सिद्धू वन मैन शो है, जिसको किसी की परवाह नहीं है।“
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पार्टी पुराने मॉडल की फिएट कार की तरह है, जिसको आधुनिक ज़रूरतों के मुताबिक अपडेट नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि लोगों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना, आम आदमी क्लीनिक, स्कूल आफ एमिनेंस, सडक़ सुरक्षा फोर्स और अन्य कई स्कीमें शुरू की गई हैं।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि अब सरकारी अस्पतालों में ही लोगों को मुफ़्त दवाएं मुहैया करवाई जा रही हैं और इसी तरह राज्य के सरकारी स्कूलों में भी मानक शिक्षा दी जा रही है। भगवंत ने कहा कि राज्य एक नये युग का गवाह बना है क्योंकि माता-पिता अपने बच्चों को प्राईवेट स्कूलों से सरकारी स्कूलों में ट्रांसफर कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के लोगों ने सभी 13 लोक सभा सीटें ‘आप’ को देने का मन बना लिया है जिससे चल रहे विकास को और प्रोत्साहित किया जा सके।
भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ‘ रंगला पंजाब’ सृजन करने के लिए पंजाब के लोगों की पूरी लगन के साथ सेवा करने के प्रयास जारी रखेगी।