अपराध क्यों कर रहीं अरुंधती!
अरुण माहेश्वरी
अरुंधती कहानी कहें
कोई बुराई नहीं
पर निबंधों में सच कहने का
अपराध क्यों कर रही है
कविता अरुण माहेश्वरी अरुंधती क्यों
अरुंधती किताब के अंदर भी पी सकती थी
कवर पर क्यों पी रही है !
सिगरेट पुरुष की शोभा है
उसे क्यूँ सरे आम
धुएँ में उड़ा रही है !
सोच भी रही है !
अरुंधती कहानी कहें
कोई बुराई नहीं
पर निबंधों में सच कहने का
अपराध क्यों कर रही है !
‘वह महिला’
‘ख़तरनाक देशद्रोह’
क्यों कर रही है!
अरुण माहेश्वरी के फेसबुक वॉल से साभार