टिकट बंटवारे को लेकर आरजेडी में सब कुछ ठीक नहीं !
राजद ने पहले अपने उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न सौंपे, फिर तेजस्वी के लौटते ही वापस मांगे
पटना। राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) में विधानसभा टिकट बंटवारे को लेकर कुछ मतभेद पैदा हो गया है। यह पता नहीं चला है कि यह समस्या गठबंधन स्तर पर आई है या आरजेडी के भीतर। आरजेडी ने जिन लोगों को पार्टी का चुनाव चिह्न सौंप दिया था अब उनसे लौटाने को कहा गया है।

आईआरसीटीसी भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई में शामिल होने के लिए राजद प्रमुख लालू, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में मौजूद थे। लालू सोमवार शाम पटना के 10, सर्कुलर रोड स्थित अपने बंगले पर लौट आए। लालू के बंगले पर लौटते ही राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच हाथापाई शुरू हो गई। सूत्रों के मुताबिक लालू ने कुछ नेताओं को अपने आवास पर बुलाया और पार्टी के चुनाव चिन्ह वाले पीले लिफाफे सौंपे। पार्टी का चुनाव चिन्ह सौंपने का मतलब है कि संबंधित नेता उम्मीदवार है। यह स्पष्ट नहीं है कि लालू ने कितने लोगों को चुनाव चिन्ह सौंपा है।
लेकिन तेजस्वी यादव के पटना लौटते ही घटनाक्रम में नाटकीय बदलाव आ गया। जिन लोगों को पार्टी का चुनाव चिन्ह मिला था, उन्हें बुलाकर चुनाव चिन्ह वापस करने को कहा गया। इस नाटकीय घटनाक्रम को लेकर चुनाव से पहले बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है।
नतीजतन, सिंबल पाने वाले राजद नेता अब उम्मीदवार बनने को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। यह अभी भी स्पष्ट नहीं है कि उन नेताओं को आनन-फानन में बुलाकर सिंबल वापस करने के लिए क्यों कहा गया। राजद नेता अशरफ फातमी का दावा है कि अभी तक किसी को सिंबल नहीं दिया गया है। उनका दावा है कि सोशल मीडिया पर दिख रही तस्वीरें और वीडियो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल करके बनाए गए हैं। सवाल उठ रहे हैं कि क्या उम्मीदवारों के चयन को लेकर राजद के शीर्ष नेतृत्व में कोई मतभेद है।
गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली में सीटों के बंटवारे को लेकर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के बीच बैठक भी हुई है। बिहार में दो चरणों में 6 और 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और राजद-कांग्रेस-वामपंथी महागठबंधन के बीच है। एनडीए ने सीटों का समझौता पहले ही कर लिया है। लेकिन विपक्षी गठबंधन के सहयोगियों के बीच कई सीटों को लेकर अभी भी तनातनी बनी हुई है। दूसरे चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया मंगलवार से शुरू हो गई है। पहले चरण के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने में चार दिन बाकी हैं। ऐसे में राजद के शीर्ष नेतृत्व का व्यवहार पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चिंतित कर रहा है।
