बेतुकी बातें: 8
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मुक्ति दिवस
अजय शुक्ला
सिरम्मन: सुना तुमने? दो अप्रैल को अमेरिका मुक्त हो गया!
झम्मन: तो 4 जुलाई 1776 को क्या हुआ था? क्या उस दिन रेड इंडियंस ने मुक्ति पाई थी।
सिरम्मन: बौड़मदास तुम्हें कब अकल आएगी? 4 जुलाई को इंडिपेंडेंस डे मनाते हैं। दो अप्रैल को लिबरेशन डे सेलिब्रेट किया गया है। दोनों में फर्क है। विद्वान लोग इंडिपेंडेंस को स्वतंत्रता मानते हैं और लिबरेशन को मुक्ति, मोक्ष।
झम्मन: मोक्ष! वाह!! मोक्ष तो हर भारतीय की बकेट लिस्ट में होता है। पुरुषार्थ चतुष्टय: धर्म, अर्थ, काम और अंत में मोक्ष। समझा। वहां तो स्टेच्यू ऑव लिबर्टी भी है। लगता है कि अमेरिका वालों ने इस नवरात्र में मोक्ष देवी यानी मुक्ति देवी की इतनी आराधना कर डाली कि सिद्धिदात्री ने नवमी के पहले ही वर दे दिया।
सिरम्मन: तू हर जगह धरम को न घुसेड़ा कर। मैं राजनीति की बात कर रहा हूं।
झम्मन: सियासत! तो फिर बता कि वी द पीपुल ऑव इंडिया अपना लिबरेशन डे कब मनाते हैं?
सिरम्मन: 15 अगस्त को।
झम्मन: गलत। वह तो स्वतंत्रता दिवस है।
सिरम्मन: फिर?
झम्मन: मई में
सिरम्मन: तारीख?
झम्मन: तारीख तो भगना नआवत ने बताई थी एक बार। तू भूल गया?
सिरम्मन: यह किस शै का नाम लिया तूने?
झम्मन: शै और मात नहीं। यह कोरिया के प्रसिद्ध इंडोलॉजिस्ट एवं इतिहासकार का नाम है।
सिरम्मन: क्या तारीख बताई थी उन्होंने?
झम्मन: मई 1545
सिरम्मन: क्या हुआ था उस दिन?
झम्मन: तारीख नहीं याद पर उस साल मई में शेरशाह सूरी का निधन हुआ था।
सिरम्मन: क्या बेतुकी बात करते हो! शेरशाह की मौत यानी लिबरेशन डे! धत्तेरे की…
झम्मन: क्यों भाई? उस दिन मुगलों को अफगानों से निजात यानी मुक्ति नहीं मिल गई थी?
सिरम्मन: तो तुम्हारी नजर में मुगल माने भारत होता है? कमीने, बाबर की औलाद! बहुत कूटे जाओगे।
झम्मन: सॉरी यार। थोड़ा बहक गया था। हां तो तुम अमेरिका के लिबरेशन डे के बारे में बता रहे थे…क्या हो रहा है वहां।
सिरम्मन: काफी कुछ। लिबरेशन डे के दूसरे ही दिन डॉलर ने रुपये की गति पकड़ ली।
झम्मन: क्या?
सिरम्मन: पहाड़ चढ़ने के बजाय वह खाई में कूदने लगा। डॉलर को मुक्ति की हवा लग गई है। वह सरकार के कंट्रोल में नहीं।
झम्मन: बाकी तो सब ठीक है?
सिरम्मन: बिलकुल ठीक है। शक की गुंजाइश नहीं। खुद राष्ट्रपति ट्रंप कह रहे हैं कि सब ठीक है।
झम्मन: हां, भाई। हम लोग भी तो कहते हैं: फटी हो या चिथड़ी, साहब कहें तो ढोलक मढ़ी। और बताओ कुछ…
सिरम्मन: और खबर यह है कि शेयर मार्केट धड़ाम हो गया है। एक दिन में 2.5 ट्रिलियन डॉलर हवा में उड़ गए। टैरिफ टैरिफ का बांस उलटे बरेली की तरफ चल दिया है। एक्सपर्टों को विश्वव्यापी मंदी की आशंका सता रही है।
झम्मन: ट्रंप थोड़ा बहुत तो परेशान होंगे ही?
सिरम्मन: नॉट ऐट ऑल। उन्हें सिर्फ पुतिन परेशान कर सकते हैं। जनता क्या परेशान करेगी जो खुद परेशान है। बदहाली की खबरें ट्रंप पर वही असर डाल रही हैं जो पानी चिकने घड़े पर डालता है। सीएनएन के मुताबिक ट्रंप ने कहा है: यह मरीज की सर्जरी जैसा है। बहुत बड़ा काम है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। बाजार बूम करने जा रहा है…स्टॉक मार्केट बूम करने जा रहा है…अमेरिका बूम करने जा रहा है।
झम्मन: वाह! इसे कहते हैं मर्द। ऐसा मर्द भारत में क्यों नहीं हुआ।
सिरम्मन: हो चुका है और उसका अपमान कर रहे हो।
झम्मन: किसका?
सिरम्मन: मेरे ग्रेट ग्रेट ग्रेट ग्रेटेस्ट फादर का
झम्मन: कौन थे वो?
सिरम्मन: सुल्ताने हिन्द मोहम्मद बिन तुग़लक़।
झम्मन: पर तू तो हिन्दू है?
सिरम्मन: तो? तुझे पता नहीं! भारत में रहने वाला हर व्यक्ति हिन्दू है।