वायुसेना प्रमुख का दावा- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाक के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराया
बेंगलुरु। पहलगाम हमले के बाद आपरेशन सिंदूर को लेकर दावे-प्रतिदावे जारी हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा युद्ध रुकवाने और विमानों के नुकसान के दावे तो किए ही जाते रहे हैं, लेकिन भारत की तरफ से सीजफायर के लिए किसी विदेशी व्यक्ति से बातचीत की बात नकारी जाती रही है। लेकिन छिटपुट रूप दबी जुबान से कुछ भारत के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा नुकसान की बात स्वीकार की जाती रही है। लेकिन पाकिस्तान के कितने लड़ाकू विमान गिराए गए थे यह बात सेना के किसी अफसर ने नहीं बताई थी।
परंतु नया दावा भारत के एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह ने किया है। शनिवार को उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के पांच लड़ाकू विमानों और एक बड़े विमान को मार गिराने की पुष्टि की है। उन्होंने इसे भारत द्वारा सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड बताया।
उन्होंने यहां एयर चीफ मार्शल एल.एम. कात्रे स्मृति व्याख्यान के 16वें संस्करण के दौरान कहा, “हमें उस एडब्ल्यूसी हैंगर में कम से कम एक एडब्ल्यूसी तथा कुछ एफ-16 विमानों के होने का संकेत मिला है, जिनका वहां रखरखाव किया जा रहा है। हमारे पास कम से कम पांच लड़ाकू विमानों को मार गिराए जाने की पुष्ट जानकारी है और एक बड़ा विमान है, जो या तो विमान हो सकता है या फिर एडब्ल्यूसी (एयरबोर्न वॉर्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम), जिसे लगभग 300 किलोमीटर की दूरी से निशाना बनाया गया।”
सिंह ने कहा, “ यह वास्तव में सतह से हवा में मार गिराने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है, जो हमने हासिल किया है।”
इस ऑपरेशन के परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में मानवरहित हवाई वाहन (यूएवी), ड्रोन और उनकी कुछ मिसाइलें भी भारतीय क्षेत्र में गिरीं।
सिंह ने कहा कि विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर भारतीय वायुसेना ने हवाई क्षेत्र पर हमला करने का निर्णय लिया।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, “इसलिए हवाई अड्डे पर हमला किया गया और मुख्य भवन पर भी हमला किया गया, जहां योजनाएं बनती हैं, और इसका इस्तेमाल कभी-कभी सिविल टर्मिनल भवन के रूप में भी किया जाता था। जहां तक सुकूर एयरबेस का सवाल है, हमने यूएबी हैंगर और रडार स्थल पर हमला किया।”
उन्होंने कहा, “आपके पास यहां दृश्य उपलब्ध हैं – यह वह हैंगर है, जिसे ध्वस्त कर दिया गया है, यह पहले और बाद का रडार स्थल है। एडब्ल्यूसी हैंगर पर फिर से हमला किया गया। यहां हम स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि जहां हमला हुआ था, वहां एक विमान था।”
सरगोधा के बारे में वायुसेना प्रमुख ने कहा, “हम अपनी वायुसेना में ऐसे ही दिनों का सपना देखते हुए बड़े हुए हैं। किसी दिन हमें मौका मिलेगा। संयोग से मुझे अपनी सेवानिवृत्ति से पहले यह मौका मिल गया। हमने उस हवाई क्षेत्र पर हमला किया, जहां हमें एफ-16 विमानों के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी मिली थी।”
एयर चीफ मार्शल के अनुसार, एस-400 वायु रक्षा प्रणाली पासा पलटने वाली साबित हुई है। भारत ने इसे हाल में खरीदा है।
वायुसेना प्रमुख ने कहा, “इस प्रणाली की रेंज ने पाकिस्तान के विमानों और यूएवी को भारतीय रक्षा प्रणाली से दूर रखा था। एस-400 प्रणाली की वजह से पाकिस्तान भारतीय वायु रक्षा प्रणाली को भेद नहीं सका।”
सिंह ने यह भी कहा कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) का पद सैन्य अभियानों में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है।
उन्होंने कहा, “सीडीएस हमेशा हमारे बीच एकता बनाए रखने और समस्याओं को सुलझाने के लिए मौजूद रहते थे। जब भी हमें जरूरत होती थी, हम वरिष्ठ नेतृत्व के पास जाकर मुद्दों पर चर्चा किया करते थे।”
एयर चीफ मार्शल ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल की भूमिका पर प्रकाश डाला, जिससे अन्य एजेंसियों और सुरक्षा बलों को एक साथ लाने में मदद मिली।
उन्होंने बताया कि जब अभियान शुरू हुआ, तो सैन्य प्रमुखों ने इसके संभावित परिणामों और भारत को कैसे प्रतिक्रिया देनी चाहिए, इस पर विस्तार से चर्चा की।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से मिली सीख के बारे में सिंह ने कहा, “इस अभियान की सबसे बड़ी सीख यह रही है कि हवाई युद्ध की प्रधानता एक बार फिर सामने आई है। लोगों को यह एहसास हो गया है कि हवाई युद्ध किसी भी देश की पहली प्रतिक्रिया है और हवाई युद्ध वास्तव में त्वरित प्रतिक्रिया दे सकता है, सटीकता के साथ अंदर तक हमला कर सकता है और बिना अनावश्यक नुकसान के अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकता है।”
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए हमले के बाद भारतीय सशस्त्र बलों ने सात मई को पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू किया था।
वायुसेना प्रमुख से खुलासे के बाद सवाल है कि प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर अचानक क्यों रोका: कांग्रेस
कांग्रेस ने वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह के एक बयान को लेकर शनिवार को कहा कि अब यह प्रश्न और भी जरूरी हो गया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 10 मई की शाम को अचानक ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोक दिया।
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सवाल किया कि यह अभियान रोकने के लिए दबाव कहां से आया?
रमेश ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “एयर चीफ मार्शल अमर प्रीत सिंह द्वारा आज किए गए नए खुलासे के बाद, यह सब और भी अधिक चौंकाने वाला हो जाता है कि प्रधानमंत्री ने 10 मई की शाम को अचानक ऑपरेशन सिंदूर क्यों रोक दिया।” उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री पर दबाव कहां से आया और उन्हें इतना जल्दी क्यों झुकना पड़ा?