एआई, डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म भारत के रोग निगरानी प्रणाली को बदल देंगे
नयी दिल्ली। भारत अपनी रोग निगरानी प्रणाली में बदलाव करते हुए पुरानी प्रौद्योगिकी के बजाय अब कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), वास्तविक समय डेटा विश्लेषण और डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म जैसी अत्याधुनिक प्रौद्यागिकी का इस्तेमाल करने जा रहा है।
इन नयी प्रौद्योगिकी से बीमारियों का पूर्वानुमान लगाने में भी मदद मिलेगी।
नयी प्रौद्यागिकी के उपयोग के साथ यह बदलाव देश में किसी भी बीमारी के फैलने से पहले ही उसकी पहचान करने में मदद मिलेगी, शीघ्र निर्णय लिए जा सकेंगे और रोग को समय रहते नियंत्रित किया जा सकेगा।
राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के अधिकारियों ने कहा कि यह कदम एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) के एकीकृत स्वास्थ्य सूचना मंच (आईएचआईपी) के तहत पहले से ही उपयोग में लाई जा रही एआई-आधारित निगरानी प्रणालियों की सफलता पर आधारित है।
‘मीडिया स्कैनिंग एंड वेरिफिकेशन सेल’ (एमएसवीसी) एक एआई-संचालित प्रणाली का उपयोग कर रही है जो प्रतिदिन 13 भारतीय भाषाओं में लाखों ऑनलाइन समाचार खबरों पर नजर रखती है तथा बीमारियों के प्रकार, स्थान और पैमाने सहित विभिन्न जरूरी जानकारी निकालकर स्वास्थ्य संबंधित डेटा तैयार करती है।
उन्होंने कहा कि प्रणाली ने 2022 से अब तक तीन करोड़ से अधिक समाचार लेखों को संसाधित किया है, जिसमें 95 हजार से अधिक स्वास्थ्य संबंधी घटनाओं को चिह्नित किया गया है।
‘हेल्थ सेंटिनल’ के नाम की यह प्रौद्यागिकी एक ‘डिजिटल प्रहरी’ के रूप में काम करती है, जो डेंगू, चिकनगुनिया और अन्य बीमारियों में असामान्य वृद्धि को अपने आप पहचान लेती है तथा इसके बाद इसकी सटीकता के लिए विशेषज्ञों द्वारा पुष्टि की जाती है।
यहां एक अधिकारी ने बताया कि पूर्वानुमानित निगरानी की ओर बदलाव से इन शक्तिशाली विश्लेषणात्मक क्षमताओं का लाभ उठाया जा सकेगा, जिससे रोग की प्रवृत्ति का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा वहीं पहला मामला सामने आने से पहले ही इसके कारण रोकथाम संभव हो सकेगी, जो भारत की महामारी संबंधी तैयारियों में एक बड़ी प्रगति होगी।
