वर्ष 2025-26 में चीनी उत्पादन 18.6 प्रतिशत बढ़कर 3.09 करोड़ टन होने का अनुमान: इस्मा
नयी दिल्ली। उद्योग निकाय इस्मा ने मंगलवार को कहा कि अक्टूबर में शुरू हुए विपणन वर्ष 2025-26 में भारत का चीनी उत्पादन 18.58 प्रतिशत बढ़कर तीन करोड़ 9.5 लाख टन होने की उम्मीद है। यह पिछले वर्ष दो करोड़ 61 लाख टन था।
भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (इस्मा) ने कहा कि चालू वर्ष के लिए शुरुआती स्टॉक 50 लाख टन का था, जबकि एथनॉल के लिए स्थानांतरण लगभग 34 लाख टन होने का अनुमान है।
इस्मा ने नए विपणन वर्ष के लिए अपने पहले अग्रिम अनुमान में कहा कि शुरुआती स्टॉक और अधिक उत्पादन सहित कुल चीनी उपलब्धता 2025-26 में तीन करोड़ 59.5 लाख टन तक पहुंच जाएगी, जो दो करोड़ 85 लाख टन की घरेलू आवश्यकता से अधिक है।
इस्मा ने कहा कि शीर्ष तीन चीनी उत्पादक राज्यों – महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में उपज बढ़ने से उत्पादन में वृद्धि की उम्मीद है।
विपणन वर्ष 2025-26 के लिए महाराष्ट्र का उत्पादन 1.3 करोड़ टन, उत्तर प्रदेश का 1.03 करोड़ टन और कर्नाटक का 63.5 लाख टन रहने का अनुमान है।
इस्मा ने कहा, ‘‘चीनी उत्पादन के संतोषजनक संतुलन के साथ, भारत इस सत्र में लगभग 20 लाख टन चीनी निर्यात करने की स्थिति में है। हमने सरकार से जल्द से जल्द निर्यात नीति की घोषणा करने का पुरजोर आग्रह किया है।’’
फसल वर्ष 2024-25 (जुलाई-जून) में गन्ने का कुल रकबा थोड़ा बढ़कर 57.35 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है।
महाराष्ट्र में गन्ने का रकबा पहले के 13.8 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 14.7 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि कर्नाटक का रकबा पिछले साल के 6,40,000 हेक्टेयर से लगभग छह प्रतिशत बढ़कर 6,80,000 हेक्टेयर हो गया।
उत्तर प्रदेश में, गन्ने का रकबा पिछले सत्र के 23.30 लाख हेक्टेयर से लगभग तीन प्रतिशत घटकर 22.57 लाख हेक्टेयर रह गया। हालांकि फसल की स्थिति में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
इस्मा ने कहा, ‘‘इस साल कुल मिलाकर फसल की स्थिति काफ़ी बेहतर है, जिसमें गन्ने की ज़्यादा पैदावार और पर्याप्त पानी की उपलब्धता का योगदान है।’’
