नयी दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेताओं ने पार्टी के पूर्व महासचिव सीताराम येचुरी की पहली पुण्यतिथि पर शुक्रवार को उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर माकपा महासचिव एम.ए. बेबी, पूर्व महासचिव प्रकाश करात, तथा पार्टी की वरिष्ठ नेता वृंदा करात और हन्नान मोल्ला भी मौजूद रहे। बेबी ने मार्क्सवादी नेता येचुरी को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद कहा, ‘‘हमें अभी भी यकीन नहीं हो रहा कि सीताराम हमें एक साल पहले छोड़कर चले गए। मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य हमें यह बताता है कि उनकी मौजूदगी कितनी अहम होती।’’
माकपा महासचिव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ माकपा के वैचारिक, राजनीतिक और संगठनात्मक मोर्चे के गठन में सीताराम के अनुकरणीय नेतृत्व से सभी परिचित हैं। यह देश के लिए भी लाभदायक रहा है। देश के प्रशासन पर फासीवादी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नियंत्रण वाली स्थिति के खिलाफ लड़ाई के वैचारिक और राजनीतिक आधार को तैयार करने में येचुरी का योगदान सर्वविदित है।’’
बेबी ने कहा, ‘‘ सीताराम ने इस विषय पर माकपा के विचारों को विकसित करने और देश भर के लोगों को समझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। पिछले वर्ष शोक सभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने ‘इंडिया’ गठबंधन के गठन में सीताराम द्वारा निभाई गई भूमिका को याद किया था। उन्होंने आरएसएस-भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के माकपा के रुख को रचनात्मक ढंग से लागू किया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह ऐसा समय है जब केंद्र सरकार भारत की विदेश नीति को अमेरिका और इजराइल के सामने झुका रही है। भारत ने कतर में इजराइली हमले की निंदा नहीं की है। हमें याद आता है कि सीताराम ऐसी स्थिति में कैसी प्रतिक्रिया देते।’’
माकपा के पांचवें महासचिव सीताराम येचुरी का पिछले साल 12 सितंबर को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया था। वह 72 वर्ष के थे।