हिमाचल प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार रमेश सिद्धू ने एक बहुत मार्मिक, भावुक और चुभती हुई पोस्ट अपने फेसबुक वॉल पर लिखा है। यह पोस्ट हिमाचल में बाढ़ और भूस्खलन से आई आपदा से संबंधित है। इस पोस्ट में उन्होंने पड़ोस के राज्य पंजाब में बाढ़ की विभीषिका की चर्चा करते हुए वहां के कलाकारों द्वारा प्रभावित लोगों के प्रति उनकी मानवीय संवेदना का जिक्र किया है कि किस तरह वह लोग अलग अलग तरह से सहायता में जुटे हुए हैं। उन्होंने पंजाब के कलाकारों का उदाहरण देते हुए हिमाचल के कलाकारों से पूछा है कि वह क्या कर रहे हैं और सलाह दी है कि सहायता कार्यों में आगे आएं। हम कंटेंट और फोटो साभार प्रतिबिम्ब मीडिया में प्रकाशित कर रहे हैं।
खरी-खरी
हिमाचल के सेलिब्रिटी कलाकार संवेदनशील नहीं हैं..!
रमेश सिद्धू
बात ज़रा चुभने वाली है। कुछ लोग अप्रसन्न भी हो सकते हैं। लेकिन खरी खरी में खालिस बात तो कहनी ही पड़ेगी। मकसद सिर्फ इतना कि बात की बात समझ में आ जाए। ना किसी को कोई दोष, न कोई आरोप…बस वो जो सबको नजर तो आ रहा है, पर सोच वहां तक नहीं जा रही। पूरी बात पढ़ेंगे तो शायद सहमत भी हो जाएं। खैर…
अब आगे पढ़ने से पहले ऊपर दो तस्वीरों पर निगाह मार लीजिए। दो खबरों के स्क्रीनशॉट्स हैं। हेडिंग पढ़ने के बाद मेरी बात का तर्क अच्छे से समझ आएगा।
जैसा कि हम सभी जानते हैं हिमाचल के साथ साथ पड़ोसी राज्य पंजाब भी बारिश के कारण आई भीषण आपदा का सामना कर रहा है। वहां कितना नुकसान हुआ आदि आदि…यहां इसकी डिटेल में जाना जरूरी नहीं है। सभी लोग जागरूक हैं देश दुनिया की खबर रखने में। लेकिन नीचे मौजूद स्क्रीनशॉट्स में एक बात हिमाचल से जुदा है। आपने पढ़ ही लिया होगा…पंजाब में आपदा के दौरान सिंगर एक्टर दिलजीत दोसांझ ने 10 प्रभावित गांव तो पंजाबी सिंगर एमी विर्क ने 200 परिवार गोद लिए हैं। दूसरी खबर है कि लेजेंडरी गायक गुरदास मान साहब ने बाढ़ पीड़ितों की मदद को 25 लाख तो मखमली आवाज वाले गायक एवं अभिनेता सतिंदर सरताज ने एक महीने का राशन देने का ऐलान किया है। इनके अलावा भी बड़ी तादाद में पंजाबी कलाकार बाढ़ प्रभावितों की मदद को हाथ बढ़ा रहे हैं…दिल खोल दिए हैं अपने। इसीलिए तो कहते हैं पंजाबियां दी शान वखरी…। आप सभी को दिल से सलाम ।
अब जरा हिमाचल पर नजर डालते हैं…यानी हिमाचल के बड़े बड़े सेलिब्रिटियों और प्रदेश की शान कहलाने के शौकीन कलाकारों पर…
पहले बॉलीवुड में हिमाचल का नाम “हिमालय से भी ऊंचा” करने वाली “हिमाचल की बेटी” प्रीटी जिंटा, मंडी से सांसद बनकर “हिमाचल की थलाइवी” बनी कंगना रनौत, यामी गौतम, टेलीविजन की छोटी बहू रुबीना दलैक, पहाड़ी गाना माए नी मेरिए गाकर फेम पाने वाले मोहित चौहान, हाल ही में शिमला में “दादी की शादी” करवाकर यानी फिल्म की शूटिंग कर गए फिल्म निर्देशक आशीष आर मोहन….ये सभी बॉलीवुड में बड़ा नाम बन गए हैं और वक्त वक्त पर “खबरों में बने रहने के लिए” पहाड़ी होने का राग भी अलापते रहते हैं। मगर अफसोस…ये एक भी तथाकथित “पहाड़िया” प्रदेश के सबसे मुश्किल क्षणों में प्रदेश के साथ खड़ा नजर नहीं आ रहा। प्रभावितों की मदद को हाथ बढ़ाना तो दूर, किसी एक ने भी दो शब्द संवेदना के व्यक्त नहीं किए। हां शूटिंग के लिए छूट लेनी हो, सुविधाएं लेनी हों…तब जरूर अपने हिमाचली होने वाली पहचान पेश की जाती है।
अब हिमाचली या लोकगीत गाकर सेलिब्रिटी बने प्रदेश के कलाकारों की भी थोड़ी बात हो जाए। 3 महीने होने को आए…थुनाग से शुरू हुआ सिलसिला प्रदेश के हर कोने को तबाह करने तक पहुंच गया। हिमाचल के बड़े बड़े स्टार जिनको हमने अलग अलग टाइटल से नवाज रखा है…पंजाबी कलाकारों की तर्ज पे आर्थिक मदद करना तो दूर, किसी ने फेसबुक पोस्ट तक में संवेदना नहीं जताई आपदा प्रभावितों के प्रति। हालांकि वैसे हम क्या कर रहे…कहां जा रहे…किस ब्रांड की ब्रांडिंग कर रहे आज…किस रेस्टोरेंट के मालिक ने आज रास्ते में लंच कराया…हमें और हमारे दोस्तों को…ये सब लगातार अपडेट होता रहता है। पर इस भयंकर आपदा को लेकर दो शब्द नहीं फूटे! ऐसी संवेदनहीनता…ऐसे रोलमॉडल…ऐसे सेलिब्रिटी…। धन्य हैं आप। कितने लोकगायक हैं प्रदेश में…किसी भी कार्यक्रम में स्टार नाइट चाहिए होती…अच्छी खासी रकम भी मिलती परफॉर्मेंस देने के एवज में। कुछ की फीस तो लाखों में है। और किसी को किसी कार्यक्रम में मौका न मिले तो जमकर रोना पीटना भी मचाया जाता। तब हिमाचलियत की जमकर दुहाई दी जाती। पर आज वो हिमाचलियत कहीं नजर तक नहीं आ रही।
उम्मीद करते हैं कि पंजाबी कलाकारों की सहृदयता देखकर बॉलीवुड वाले न सही, पर प्रदेश के कलाकार जरूर कुछ प्रेरणा लेंगे। अपनी जेब से न कर पाएं, कोई रिलीफ फंड ही स्थापित करें, आपके प्रदेश के साथ साथ पड़ोसी राज्यों में भी लाखों फैन हैं। आपकी एक अपील पर दिल खोल देंगे। आपदा प्रभावितों के लिए कोई अपनी चैरिटेबल स्टार नाइट प्लान कीजिए… उससे भी काफी पैसा इकट्ठा हो सकता है। किसी भी तरह सही…अपने उन लोगों की मदद के लिए हाथ बढ़ाएं जो सांस्कृतिक संध्याओं के दौरान आपके गानों पर दिल खोल के नाचे हैं। आपके लिए उन्हीं के प्यार, उन्हीं की दीवानगी, उन्हीं के पागलपन ने आपको यहां पहुंचाया है। उन्होंने आपके ऊपर जी भरवाकर प्यार लुटाया है…अब उनकी मुसीबत में आप भी उनका दर्द बांट कर मिसाल पेश कीजिए।
लेखक – रमेश सिद्धू