आर्थिक तूफान आने वाला है, प्रधानमंत्री कहां ‘छिपे’ हैं: राहुल

अहमदाबाद में कांग्रेस अधिवेशन को संबोधित करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने किया तंज

अहमदाबाद। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अमेरिका द्वारा भारत के खिलाफ लगाए गए जवाबी शुल्क (टैरिफ) का हवाला देते हुए बुधवार को दावा किया कि अब आर्थिक तूफान आने वाला है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुप्पी साधे हुए हैं।

उन्होंने यहां पार्टी अधिवेशन को संबोधित करते हुए यह सवाल भी किया, ‘‘…आखिर प्रधानमंत्री मोदी कहां छिपे हैं?’’

राहुल गांधी ने कहा, “पहले, नरेन्द्र मोदी अमेरिका गए तो राष्ट्रपति ट्रंप के गले लगे थे, लेकिन इस बार वो तस्वीर ही गायब हो गई। अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, इस बार गले नहीं लगेंगे, अब सीधे टैरिफ लगाएंगे, लेकिन नरेन्द्र मोदी के मुंह से आवाज तक नहीं निकली।”

उन्होंने दावा किया कि सभी को पता है कि इन टैरिफ की वजह से देश में आर्थिक तूफान आने वाला है, लेकिन लोगों का ध्यान उस ओर न चला जाए, इसलिए संसद को आधी रात तक चलाया गया।

उन्होंने तंज कसते हुए कि प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के वक्त भी ऐसा ही किया था और जब देश में कोरोना के मामले बढ़ रहे थे, वे लोगों से ताली-थाली बजवा रहे थे।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि आज फिर करोड़ों लोगों को नुकसान होगा, ऐसे में नरेन्द्र मोदी कहां छिप गए हैं?

राहुल गांधी ने दावा किया कि बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने भारत के बारे में उल्टे-सीधे बयान दिए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी उनके साथ शांति से बैठे दिखे और उनके मुंह से इस बारे में एक शब्द नहीं निकला।

उन्होंने कटाक्ष करते हुए सवाल किया, “ऐसे में नरेन्द्र मोदी की ’56 इंच’ की छाती कहां गई?”

अधिवेशन में पारित प्रस्ताव में भी कांग्रेस ने टैरिफ को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार को इस मामले में सभी दलों को विश्वास में लेना चाहिए।

प्रस्ताव में कहा गया, “तीन अप्रैल, 2025 से अमेरिका ने भारत द्वारा अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले सभी उत्पादों पर 27 प्रतिशत टैरिफ लगा दिया है, जिससे भारतीय निर्यात व्यापक तौर से प्रभावित होगा।”

कांग्रेस ने दावा किया कि अमेरिका भारत पर दबाव डाल रहा है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर लगाया जाने वाला आयात शुल्क कम कर दे। उसने कहा, “यह न केवल खेती और किसानी को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि दशकों से पोषित ऑटो व दवा उद्योग पर भी चोट करेगा। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि सत्ताधारी दल को अमेरिका के साथ टैरिफ के बारे में किसी भी व्यापार समझौता में पहली प्राथमिकता भारत के हित व कृषि तथा व्यापार की बढ़ोतरी होनी चाहिए।”

प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार को सभी राजनीतिक दलों तथा देश के प्रभावित व्यापार समूहों को विश्वास में लेना चाहिए।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मौजूदा भाजपा सरकार के लिए विदेश नीति अब राष्ट्रीय हितों की रक्षा, बराबरी का दर्जे और परस्पर सम्मान की नीति न होकर ‘विवश नीति’ बन गई है।

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