नई दिल्ली। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बृहस्पतिवार को लोकसभा चुनाव के लिए घोषणापत्र जारी किया, जिसमें गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) जैसे सभी ‘‘कठोर’’ कानूनों को निरस्त करने का वादा किया गया है।
माकपा ने मतदाताओं से भाजपा को हराने, वामपंथ को मजबूत करने और केंद्र में वैकल्पिक धर्मनिरपेक्ष सरकार का गठन सुनिश्चित करने की अपील की।
अपने घोषणापत्र में पार्टी ने इस सिद्धांत के लिए मजबूती से लड़ाई लड़ने का वादा किया है कि धर्म राजनीति से अलग है।
घोषणापत्र में कहा गया है, “माकपा यूएपीए ओर पीएमएलए जैसे सभी कठोर कानूनों को खत्म करने के लिए अडिग है।’’
पार्टी ने कहा कि वह ‘‘घृणास्पद भाषण और अपराधों के खिलाफ एक कानून के लिए लड़ाई लड़ेगी, नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।’’
माकपा ने देश के सबसे अमीर वर्ग पर कर लगाने और सामान्य संपत्ति कर और विरासत कर पर एक कानून लाने का वादा किया।
वामपंथी पार्टी ने कहा कि मनरेगा के लिए बजटीय आवंटन दोगुना किया जाना चाहिए और शहरी रोजगार की गारंटी देने वाला एक नया कानून बनाया जाना चाहिए।
देश में 18वीं लोकसभा के लिए चुनाव 19 अप्रैल से शुरू होंगे। इसके बाद छह और चरणों में 26 अप्रैल, सात मई, 13 मई, 20 मई, 25 मई और एक जून को मतदान होगा। मतगणना चार जून को होगी।