लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण का मतदान आज (सोमवार, 20 मई) चल रहा है। शरुआती दौर में जब उनके तमाम नैरेटिव सेट करने की कोशिश फेल हो गई तो प्रधानमंत्री ने पिछले काफी समय से अपना सारा चुनाव प्रचार को राष्ट्रवाद, धर्म और अल्पसंख्यकों के तुष्टीकरण के आरोप पर केंद्रित कर दिया। उन्होंने बाकायदा इंगित कर हमला बोला। यहां तक कह दिया कि घुसपैठियों को उनका हक देना चाहती है। लेकिन पिछले समय की तरह उनकी उलटबांसियां भी चल रही है। अब भुवनेश्वर में एक न्यूज एजेंसी को इंटरव्यू देकर कहा कि उन्होंने कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं बोला। उनकी पार्टी भाजपा कभी भी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही।
प्रधानमंत्री ने हालांकि स्पष्ट किया कि वह किसी को भी ‘खास नागरिक’ के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं।
प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान के धर्मनिरपेक्ष तानेबाने की अवहेलना की है। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके भाषणों का उद्देश्य वोट बैंक की राजनीति के साथ साथ अल्पसंख्यकों का तुष्टीकरण करने की विपक्षी दलों की कोशिशों का पर्दाफाश करना है।
जब साक्षात्कार के दौरान मोदी से उनके बयानों के कारण अल्पसंख्यकों के बीच पैदा हुई आशंकाओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘मैंने अल्पसंख्यकों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला है। मैं केवल कांग्रेस की वोट बैंक की राजनीति के खिलाफ बोल रहा हूं। कांग्रेस संविधान के विरुद्ध काम कर रही है, यही बात मैं कहता रहा हूं।’’
मोदी ने कहा कि बी आर आंबेडकर और जवाहरलाल नेहरू समेत भारतीय संविधान के निर्माताओं ने फैसला किया था कि धर्म के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘अब आप उससे पलट रहे हो। उनका खुलासा करना मेरी जिम्मेदारी है। उस समय संविधान सभा में मेरी पार्टी का कोई सदस्य नहीं था। यह देशभर के उत्कृष्ट लोगों की सभा थी।’’
मीडिया में रिपोर्ट किया गया है कि एजेंसी ने जब प्रधानमंत्री से पूछा कि क्या उनके चुनावी भाषणों में कभी अल्पसंख्यकों को निशाना नहीं बनाया गया तो उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा कभी अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं रही। केवल आज ही नहीं, बल्कि कभी भी नहीं।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस तुष्टीकरण के रास्ते पर चलती है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह लोग तुष्टीकरण के रास्ते पर चलते हैं, मैं संतुष्टीकरण के रास्ते पर चलता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘उनकी राजनीति तुष्टीकरण की है, मेरी राजनीति ‘सबका साथ सबका विकास’ की है। हम ‘सर्व धर्म समभाव’ में विश्वास रखते हैं। हम सभी को अपने साथ लेकर चलना चाहते हैं। हम किसी को खास नागरिक के तौर पर स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं, बल्कि सभी को समान समझते हैं।’’
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दावा किया कि भाजपा दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी और उन्होंने विश्वास जताया कि चार जून को जब चुनाव परिणाम आएंगे तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) 400 से अधिक लोकसभा सीटें जीतेगा।
मोदी ने कहा कि उनके विरोधियों ने एक मिथक पैदा किया है कि भाजपा के पास दक्षिणी राज्यों में कोई ताकत नहीं है या वहां उसकी मौजूदगी नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘2019 के चुनाव को देखिए। तब भी दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा थी। एक बार फिर, मैं यह कहता हूं : इस बार दक्षिण में सबसे बड़ी पार्टी भाजपा होगी तथा उसके सहयोगियों को और अधिक सीटें मिलेंगी।’’
मोदी ने कहा, ‘‘हम दक्षिण भारत में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेंगे और बल्कि पिछली बार से भी अधिक अंतर से जीतेंगे।’’
लोकसभा की 543 लोकसभा सीटों में से दक्षिण भारत में 131 सीटें हैं। निवर्तमान सदन में कर्नाटक से भाजपा के 29 सदस्य हैं। इसके अलावा उसे एक निर्दलीय सदस्य का समर्थन भी प्राप्त है।