टीएमसी ने मोदी को महिलाओं की सुरक्षा संबंधी भाषण पर घेरा

  • डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, प्रधानमंत्री को महिला सुरक्षा पर ‘उपदेश’ देने का कोई अधिकार नहीं:

कोलकाता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर ”दोहरे मानदंड” अपनाने का आरोप लगाते हुए तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने बुधवार को कहा कि उन्हें महिला सुरक्षा पर उपदेश देने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि भाजपा नेताओं पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोप लगे हैं।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पार्टी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने यह भी दावा किया कि देश में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ अपराध के 51 मामले दर्ज हो रहे हैं। डेरेक ने प्रधानमंत्री से सवाल किया कि उन्होंने स्थिति में सुधार के लिए क्या किया है।

मोदी ने बुधवार को बारासात में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि “संदेशखालि का तूफान” पश्चिम बंगाल के हर हिस्से तक पहुंचेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल को खत्म करने में ‘नारी शक्ति’ महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

तृणमूल के निलंबित नेता शाहजहां शेख और उसके साथियों पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपों को लेकर उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखालि में हंगामा मचा हुआ है।

डेरेक ने अपने एक्स हैंडल पर एक पोस्ट में कहा, “आज, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नारी शक्ति पर उपदेश दिया। आपसे तीन सवाल- श्रीमान हर घंटे महिलाओं के खिलाफ अपराध के 51 मामले क्यों होते हैं? लोकसभा में भाजपा के पास 13 प्रतिशत महिलाएं क्यों हैं, 195 उम्मीदवारों की सूची में केवल 14 प्रतिशत महिलाएं क्यों हैं?’’

डेरेक का तीसरा सवाल था, “पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई?”यह सवाल भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को लेकर था, जिन पर महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न का आरोप है।

हालांकि, सिंह ने आरोपों को खारिज किया है।तृणमूल की राज्यसभा सदस्य सुष्मिता देव ने सवाल किया कि क्या मोदी को सरकार द्वारा बलात्कारियों के खिलाफ उठाए गए कदमों पर बोलने का नैतिक अधिकार है।

उन्होंने कहा, “भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने बिलकिस बानो के बलात्कारियों को सम्मानित किया था।”गुजरात के 2002 के बिलकिस बानो मामले में 11 दोषियों को रिहा कर दिया गया था और 2023 में जेल से रिहा होने के बाद भाजपा नेताओं ने उनका माला पहनाकर स्वागत किया था। हालांकि, शीर्ष अदालत ने इस साल 8 जनवरी को उन दोषियों को रिहा करने के गुजरात सरकार के निर्णय को रद्द कर दिया था।

देव ने कहा, “आप (मोदी) महिला सुरक्षा के बारे में तब बात कर रहे हैं जब दिल्ली में जंतर-मंतर के बाहर विरोध प्रदर्शन करने पर हरियाणा की महिला पहलवानों को दिल्ली पुलिस ने बुरी तरह पीटा था। तब महिलाओं के लिए आपकी हेल्पलाइन कहां थी?”

मोदी पर ‘दोहरे मानदंड’ अपनाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने दावा किया, ‘आपके बयान एक मजाक के अलावा और कुछ नहीं हैं। आपका असली चेहरा महिला विरोधी है और यह बात पूरा भारत जानता है।”

पश्चिम बंगाल की मंत्री एवं तृणमूल की वरिष्ठ नेता शशि पांजा ने कहा, “यह देखते हुए कि भाजपा के नेताओं ने मां सारदा का एक मीम में उपहास उड़ाया है, मोदी को अपने भाषण में मां सारदा और नारी शक्ति का नाम लेने का कोई अधिकार नहीं है।”