मुनेश त्यागी का गीत – वो तो वादों और नारों के बड़े संहारक निकले

वो तो वादों और नारों के बड़े संहारक निकले

मुनेश त्यागी

 

आए तो थे पूरे देश के उद्धारक बनकर 

वो तो झूठों के सबसे बड़े सरदार निकले।

आए थे कहते हुए सबका विकास विकास 

वो तो चंद पूंजीपतियों के ही औजार निकले।

आए थे तीन किसान कृषि कानून लेकर 

वो तो किसानों के सबसे बड़े विनाशक निकले।

आए थे मजदूरों के तीन कानून लेकर 

वो तो मजदूरों के सबसे बड़े संहारक निकले।

आए थे धर्म के सबसे बड़े ध्वजधारी बनकर 

वो तो धर्म के सबसे बड़े धंधेबाज निकले। 

आए थे पाखंडों के सबसे बड़े विनाशक बनकर 

वो तो अंधविश्वासों के बड़े ही पालनहार निकले। 

आए थे बड़े ऊंचे ऊंचे वादे और नारे लेकर 

वो तो वादों और नारों के बड़े संहारक निकले।

आए थे संविधान और कानून के रक्षक बनकर 

वह तो मनुस्मृति के ही वाहक पोषक निकले।