कैश फार क्वैरी मामले में टीएम सी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म

  • लोकसभा में बोलने का मौका नहीं मिला महुआ को
  • मतदान के दौरान विपक्ष ने किया बहिष्कार
  • मोदी हाय-हाय के नारे लगाए विपक्षी सदस्यों ने
  • लोकसभा की कार्यवाही 11 दिसंबर तक स्थगित

नई दिल्ली। कैश-फॉर-क्वैरी मामले में घिरीं टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता खत्म हो गई है। एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट के बाद उनके निष्कासन का प्रस्ताव पेश हुआ। इसके बाद वोटिंग हुई। हालांकि महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने के लिए सदन में जब मतदान शुरू हुआ तो विपक्ष ने सदन का बहिष्कार कर दिया। प्रस्ताव पास होते ही लोकसभा को 11 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इससे पहले भी चर्चा के दौरान लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने महुआ मोइत्रा को सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी थी। उन्होंने कहा था कि उन्हें पैनल मीटिंग में बोलने का मौका मिला था।

महुआ बोलीं- एथिक्स कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ा, कैश या गिफ्ट कोई सबूत ही नहीं मिला

महुआ मोइत्रा ने लोकसभा से निष्कासन पर कहा “लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने मुझे झुकाने के लिए बनाई गई अपनी रिपोर्ट में हर नियम तोड़ दिया। कैश या गिफ्ट कोई सबूत ही नहीं मिला। एथिक्स कमेटी ने भी जड़ तक पहुंचे बिना मेरे खिलाफ रिपोर्ट बनाई और कंगारू कोर्ट ने बिना सबूत के मुझे सजा दी।”

लोकसभा स्पीकर ने कहा कि रिपोर्ट पर चर्चा के लिए उन्होंने रूल 316 के तहत आधे घंटे का समय दिया। इसके बाद विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी इसे पढ़ने 3 दिन का समय मांगा था।

टीएमसी सांसदों की अगुआई में विपक्ष ने सदन में मोदी सरकार हाय-हाय के नारे लगाए । विपक्ष के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। उधर सदन के बाहर मीडिया से बातचीत में कांग्रेस नेता शशि थरूर ने इसे इंसाफ का मजाक उड़ाना बताया था।थरूर ने कहा – ये रिपोर्ट आधी-अधूरी है कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि ऐसा लगता है ढाई मिनट में किसी ने तैयार कर दी हो। आरोप लगाने वालों से जिरह करने का कोई प्रयास नहीं किया गया। सीधे संसद सदस्य के सस्पेंशन पर पहुंचना वास्तव में अपमानजनक है।

संसद पहुंचने पर महुआ ने मीडिया से बातचीत में कहा- मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखिए क्या होता है। जब नाश मनुष्य पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है। उन्होंने ‘वस्त्रहरण’ से शुरुआत की अब आप ‘महाभारत का रण’ देखेंगे।

महुआ के वक्तव्य पर BJP सांसद सुकांत मजूमदार ने कहा – महुआ ने खुद को द्रौपदी बोला है और महाभारत शुरू होने की बात कही। लेकिन समस्या ये है, इस महाभारत में श्रीकृष्ण तो इस तरफ हैं। जहां तक मुझे पता है महाभारत द्रौपदी के लिए हुआ था, सूर्पनखा के लिए नहीं।

क्या है एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में

कोलकाता से प्रकाशित बांग्ला अखबार आनंद बाजार पत्रिका की वेबसाइट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि संसद में पेश की एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने लोकसभा की लागइन आईडी दूसरे के साथ साझा किया जो ‘अनैतिक आचरण’ और ‘संसद की अवमानना’ है। एथिक्स कमेटी ने इसके लिए महुआ को कड़ी सजा देने की सिफारिश की है। इसके साथ ही महुआ के खिलाफ सरकारी जांच कराने की सिफारिश भी की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘ ‘महुआ मोइत्रा ने अत्यंत आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और अपराधपूर्ण आचरण किया। इसके लिए उनके खिलाफ एक निश्चित समय सीमा के भीतर कानून सम्मत जांच कराई जाए। इसके साथ ही एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट महुआ मोइत्रा और दर्शन हीरा नंदानी के बीच नकद लेनदेन के मनी ट्रेल की जांच कराने की भी सिफारिश की है।
बांग्ला वेबसाइट के मुताबिक कमेटी की रिपोर्ट में बसपा सांसद और एथिक्स कमेटी के सदस्य दानिश अली के आचरण की भी निंदा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कमेटी की बैठक में गलत आचरण और अफवाह फैलाने का काम किया, इसके लिए उनको चेतावनी दी जानी चाहिए।

महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होने पर कौन क्या बोला

ये लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण, सरासर अन्यायः ममता बनर्जी

ममता ने कहा, “आज मुझे भाजपा सरकार का रवैया देखकर दुख हो रहा है। उन्होंने लोकतंत्र को कैसे धोखा दिया। उन्होंने महुआ को सदन में अपना पक्ष तक रखने की अनुमति नहीं दी और ये सरासर अन्याय हुआ है।”

उन्होंने कहा, “महुआ परिस्थितियों का शिकार हुई हैं। मैं इसकी कड़ी निंदा करती हूं। ये लोकतंत्र के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। हमारी पार्टी महुआ के साथ है और हम इंडिया गठबंधन के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेंगे।”

अखिलेश बोले- विपक्षी नेताओं की सदस्यता छीनने के लिए भाजपा को सलाहकार रखना चाहिए

समाजवादी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, “भाजपा को विपक्षी नेताओं की सदस्यता छीनने के लिए सलाहकार रख लेना चाहिए। इससे वह अपना समय षड्यंत्रकारियों गतिविधियों से हटाकर लोकहित के कार्यों में लगा सकती है।”

उन्होंने कहा, “विपक्षी नेताओं की सदस्यता जिस आधार पर ली जा रही है, अगर वो सत्तापक्ष पर लागू हो जाए तो उनके 1-2 सदस्य भी सदन में नहीं बचेंगे। सत्तापक्ष के लिए कुछ लोग सदन से अधिक सड़क पर घातक साबित होते हैं।”

सदन का निर्णय न्याय के खिलाफ गया हैः शिवसेना

शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, “जिन्होंने आरोप लगाया, वे दुबई में बैठे हैं। उन्होंने बयान दे दिया और उसके आधार पर आपने निर्णय ले लिया। ये निर्णय कहीं न कहीं न्याय के खिलाफ गया है।…मैं उम्मीद करती हूं अब आने वाले समय में जब भी वो (महुआ) टीएमसी से चुनाव लड़ेंगी तो भारी बहुमत से जीतकर सदन में आएंगी और उन्होंने अपने कार्यकाल को जिस तरीके से निभाया है, उसे निभाती रहेंगी।”

कांग्रेस ने कहा- सशक्त महिलाओं से घबराती है भाजपा

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “सबसे बड़ा विरोधाभास है कि एक व्यक्ति पर आपने कुछ आरोप लगाए। सभी उस पर बोल रहे थे पर उनको (महुआ) बोलने और सफाई देने का मौका नहीं दिया गया। मुझे लगता है कि ये न्यायोचित नहीं है।”उन्होंने कहा, “भाजपा सशक्त महिलाओं से घबराती हैं… सदन में जो भी अडाणी और मोदी के रिश्तों पर सवाल उठाएगा, उसके खिलाफ इस प्रकार की मनमानी कार्रवाई की जाएगी।”