- सीडीएलयू में स्थापित अत्याधुनिक सेंटर अपनी तरह का प्रदेश का पहला सेंटर
- विविधताओं से परिपूर्ण संस्कृति के दम पर शिक्षा के क्षेत्र में टॉप विश्वविद्यालयों में हो सकते हैं शुमार : दुष्यंत
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ज्ञान को समेट कर रखने से वह नहीं बढ़ता बल्कि ज्ञान बांटने से ही ज्ञान बढ़ता है। उन्होंने अनेक विकसित राष्ट्रों के शैक्षणिक संस्थानों एवं उनके द्वारा अपनाई जा रही तकनीकों के बारे में जानकारी साझा करते हुए कहा कि वैश्विक मानकों को ध्यान में रखकर हमें भावी योजनाएं तैयार करनी चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अजमेर सिंह मलिक ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मानवीय गुणों का समावेश करके शिक्षण को सर्वोच्चत्म स्तर तक ले जाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत के उपप्रधानमंत्री चौ. देवी लाल जी के नाम से बने इस विश्वविद्यालय ने इस क्षेत्र की उच्चतर शिक्षा संबंधित जरूरतों को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। मुख्य अतिथि का स्वागत डीन एकेडमिक अफेयर्स प्रो. एसके गहलावत ने किया। धन्यवाद प्रस्ताव कुलसचिव डॉ राजेश बंसल द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. राजकुमार द्वारा किया गया। इस अवसर पर विभिन्न संकायों के डीन, चेयरपर्सन व प्राध्यापक गण उपस्थित थे और विश्वविद्यालय की बेहतरी के अनेक सुझाव इनके द्वारा पेश किये गए।
सीडीएलयू के यूआईटीडीसी भवन का उद्घाटन
सीडीएलयू प्रांगण में लगभग 9.80 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से यूनिवर्सिटी आईटी डेटा एंड कंप्यूटर सेंटर का निर्माण करवाया गया। तीन मंजिला भवन का उद्घाटन करने के बाद पूरी डिप्टी सीएम ने पूरे भवन का दौरा किया। इस भवन में 20 कमरे हैं तथा 7 कम्प्यूटर लैब, सिस्टम एनालिस्ट रूप, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम, हार्डवेयर तथा सॉफ्टवेयर स्टोर आदि की व्यवस्था है। सेंटर में करीब 350 कम्प्यूटर स्थापित होंगे जिससे विश्वविद्यालय का पूर्ण रूप से डिजिटलाइजेशन करने का सपना भी पूरा होगा और विद्यार्थियों को फायदा होगा। विश्वविद्यालय एनटीए (नेशनल टैस्टिंग एजेंसी) का सेंटर स्थापित करने की प्रक्रिया पूरी होने वाली है। यूआईटीडीसी डायरेक्टर प्रो. सुशील कुमार ने कहा कि इस सेंटर से विद्यार्थियों को व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करने में मदद मिलेगी।