Blogगीत ग़ज़ल मनजीत मानवी की एक ग़ज़ल मनजीत मानवी की एक ग़ज़ल है शुक्र कि चाँद तारों का , मज़हब नहीं कोई सियासी मीज़ान वरना, इनको… Pratibimb Media8 November 20258 November 2025