सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉण्ड की संख्या का खुलासा नहीं करने पर एसबीआई को जारी किया नोटिस

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉण्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा करना चाहिए था। न्यायालय ने इस संबंध में बैंक से जवाब मांगा।

प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने निर्वाचन आयोग की उस अर्जी पर सुनवाई की जिसमें चुनावी बॉण्ड मामले में न्यायालय के 11 मार्च के आदेश के एक हिस्से में संशोधन का अनुरोध किया गया है।

न्यायालय ने अपने पंजीयक (न्यायिक) को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि निर्वाचन आयोग द्वारा सीलबंद कवर में सौंपे गए आंकड़ों को स्कैन किया जाए और उन्हें डिजिटल माध्यम से उपलब्ध कराया जाए।

इस पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल हैं।

पीठ ने कहा कि इस काम को शनिवार शाम पांच बजे तक पूरा करना बेहतर रहेगा और एक बार यह कार्य हो जाने के बाद मूल दस्तावेज निर्वाचन आयोग को वापस कर दिए जाएं।

उसने सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील प्रशांत भूषण और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल के इन अभ्यावेदनों पर गौर किया कि एसबीआई ने चुनावी बॉण्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या का खुलासा नहीं किया है।

पीठ ने बैंक को नोटिस जारी किया और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 18 मार्च की तिथि तय की।निर्वाचन आयोग ने अपनी अर्जी में कहा कि न्यायालय के 11 मार्च के आदेश में कहा गया था कि सुनवाई के दौरान सीलबंद लिफाफे में उसके द्वारा शीर्ष अदालत को सौंपे गए दस्तावेजों की प्रतियां आयोग के कार्यालय में रखी जाएं लेकिन उसने अपने पास दस्तावेजों की कोई प्रति नहीं रखी है।

आयोग ने कहा कि उसने दस्तावेजों की कोई प्रति अपने पास नहीं रखी है। उसने कहा कि इन दस्तावेजों को वापस किया जाए ताकि वह न्यायालय के निर्देशों का पालन कर सके।

उच्चतम न्यायालय ने कहा, एसबीआई चुनावी बॉण्ड संख्या का खुलासा करने के लिए ‘‘कर्तव्यबद्ध’’उच्चतम न्यायालय ने कहा कि भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) राजनीतिक दलों द्वारा प्राप्त चुनावी बॉण्ड की विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या (यूनीक अल्फा-न्यूमेरिक नंबर) का खुलासा करने के लिए ‘‘कर्तव्यबद्ध’’ है और उसे ऐसा करना होगा।

इसके साथ ही न्यायालय ने ऐसा नहीं करने के लिए बैंक से जवाब मांगा।सीजेआई ने बैंक के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘एसबीआई की ओर से कौन पेश हो रहा है? क्योंकि हमारे फैसले में हमने विशेष रूप से खरीदार, राशि और खरीद की तारीख सहित बॉण्ड के सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया था।

उन्होंने बॉण्ड संख्या का खुलासा नहीं किया। इसका खुलासा एसबीआई को करना होगा।’’

विशिष्ट अक्षरांकीय संख्या का उन लोगों से मिलान किया जाएगा जिन्होंने उन दलों के चुनावी बॉण्ड खरीदे हैं जिन्हें उन्होंने चंदा दिया था।सीजेआई ने कहा, ‘‘उन्होंने (एसबीआई) बॉण्ड संख्या का खुलासा नहीं किया।

इसका खुलासा एसबीआई को करना होगा।’’उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन सच कहें, तो उन्होंने जितनी जानकारी उपलब्ध कराई है उसे लेकर हम नाराजगी जता सकते हैं क्योंकि वे (बॉण्ड संख्या का खुलासा करने के लिए) कर्तव्यबद्ध थे।’’

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह केंद्र की ओर से पेश हो रहे हैं, एसबीआई की ओर से नहीं।उन्होंने कहा, ‘‘क्या न्यायालय एसबीआई को नोटिस जारी करने पर विचार करेगा। हो सकता है कि उनके पास कहने के लिए कुछ हो।’’

पीठ ने कहा, ‘‘जब मामले की सुनवाई जारी है तो उन्हें यहां होना चाहिए।’’मेहता ने कहा कि एसबीआई इस मामले में पक्षकार नहीं है। उन्होंने कहा कि जब एसबीआई ने अर्जी दायर की थी, तब वे अदालत में थे और उस अर्जी का निपटारा कर दिया गया था।