किसानों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ पंजाब में पटरियों पर बैठे प्रदर्शनकारी, ट्रेनों का मार्ग बदला गया

  • पांच बजे मंत्री करेंगे किसान नेताओं से बातचीत
  • किसानों ने दिया कई टोल नाकों पर धरना

चंडीगढ़। ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई को लेकर पंजाब में कई स्थानों पर किसानों के पटरियों पर बैठने के बाद वीरवार को दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कुछ ट्रेनों को दूसरे मार्गों से भेजा गया। इस बीच केंद्रीय मंत्रियों की समिति शाम पांच बजे चंडीगढ़ में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत करेगी।

किसानों ने कई टोल प्लाजा पर धरना भी दिया और अधिकारियों पर यात्रियों से पथकर नहीं लेने के लिए दबाव बनाया।भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) और बीकेयू डकोंदा (धनेर) ने पंजाब में कई जगहों पर चार घंटे के लिए ‘रेल रोको’ का आह्वान किया था।

किसानों ने दोपहर करीब 12 बजे अपना आंदोलन शुरू किया और कई स्थानों पर पटरियों पर बैठ गए। प्रदर्शन शाम चार बजे तक जारी रह सकता है।चूंकि किसान मुख्य दिल्ली-अमृतसर मार्ग पर कई स्थानों पर रेलवे पटरियों पर बैठे हैं, इसलिए रेलवे अधिकारियों ने ट्रेनों को चंडीगढ़ (दिल्ली की ओर) और लोहियां खास (अमृतसर और जालंधर की ओर) के रास्ते भेजा है।

भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली से आने वाली शताब्दी और शान-ए-पंजाब एक्सप्रेस ट्रेनों को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर समाप्त कर दिया गया।

इस बीच, जब न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग कर रहे किसान मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी की ओर मार्च कर रहे थे, तब हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस के इस्तेमाल के विरोध में किसानों ने संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर कई टोल प्लाजा पर प्रदर्शन भी किया।

भारतीय किसान यूनियन के नेता हरमीत सिंह कादियान ने कहा कि वे दिल्ली जाने की कोशिश कर रहे किसानों पर पुलिस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं।

होशियारपुर में किसानों ने जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर दो टोल प्लाजा पर प्रदर्शन किया।

दोआबा किसान कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष जंगवीर सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों ने चोलांग और हरसे मानसर में टोल प्लाजाओं का घेराव किया और वहां धरना दिया।

उन्होंने केंद्र सरकार और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारे लगाए और किसानों के लिए न्याय की मांग की।

संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून और ऋण माफी सहित अपनी मांगों के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के मकसद से ‘दिल्ली चलो’ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं।