राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत तमाम फिल्मी और राजनीतिक हस्तियों ने सोमवार को दिग्गज फिल्मकार श्याम बेनेगल के निधन पर शोक जताया। फिल्मकार शेखर कपूर, हंसल मेहता और सिने अभिनेताओं मनोज बाजपेयी, अक्षय कुमार और काजोल ने श्याम बेनेगल को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें एक महान फिल्मकार बताया, जिन्होंने सिनेमा को एक नयी परिभाषा दी और अपनी फिल्मों से पीढ़ियों को प्रेरित किया।
प्रख्यात फिल्मकार श्याम बेनेगल का सोमवार को मुंबई में निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। बेनेगल की बेटी पिया ने यह जानकारी दी।
उनके परिवार में उनकी बेटी और पत्नी नीरा बेनेगल हैं। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार दोपहर तीन बजे दादर के शिवाजी पार्क में होगा।
बेनेगल को 1970 और 1980 के दशक में ‘अंकुर’, ‘निशांत’ और ‘मंथन’ जैसी फिल्मों के जरिए भारतीय सिनेमा में समानांतर सिनेमा की शुरुआत करने का श्रेय दिया जाता है। बेनेगल ने 14 दिसंबर को ही अपना 90वां जन्मदिन मनाया था।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उनके निधन से भारतीय सिनेमा और टेलीविजन के एक गौरवशाली अध्याय का अंत हो गया है।
राष्ट्रपति ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “एक वास्तविक संस्थान के रूप में उन्होंने कई अभिनेताओं और कलाकारों को तैयार किया। उनके असाधारण योगदान को दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म भूषण सहित कई पुरस्कारों के रूप में मान्यता दी गई। उनके परिवार के सदस्यों और उनके अनगिनत प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।”
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मशहूर फिल्म निर्देशक श्याम बेनेगल के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनके कार्यों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा सराहा जाता रहेगा।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “श्याम बेनेगल जी के निधन से गहरा दुख हुआ, जिनकी कहानी कहने की कला का भारतीय सिनेमा पर गहरा प्रभाव पड़ा। उनके कार्यों को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों द्वारा सराहा जाता रहेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदना।”
फिल्मकार शेखर कपूर ने बेनेगल के निधन पर शोक जताया। कपूर ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने ‘‘दोस्त और मार्गदर्शक’’ को विदाई दी।
उन्होंने कहा कि बेनेगल को हमेशा ऐसे व्यक्ति के रूप में याद किया जाएगा जिन्होंने ‘अंकुर’ और ‘मंथन’ जैसी फिल्मों के साथ हिंदी सिनेमा की दिशा बदल दी। शेखर कपूर ने कहा, ‘‘बेनेगल ने शबाना आजमी और स्मिता पाटिल जैसी शानदार अभिनेत्रियों को ‘स्टार’ बनाया। अलविदा मेरे दोस्त और मेरे मार्गदर्शक।’’
हंसल मेहता ने बेनेगल को श्याम बाबू के नाम से संबोधित किया, जैसा कि वे अपने मित्रों और सहयोगियों के बीच जाने जाते थे। मेहता ने बेनेगल को एक प्रेरणास्रोत बनने के लिए आभार व्यक्त किया। मेहता ने लिखा, ‘‘सिनेमा के लिए आपका धन्यवाद।’’
वर्ष 2001 में ‘‘जुबैदा” में निर्देशक के साथ काम करने वाले मनोज बाजपेयी ने कहा कि बेनेगल का निधन भारतीय सिनेमा के लिए ‘‘हृदय विदारक क्षति’’ है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘श्याम बेनेगल सिफ एक दूरदर्शी व्यक्ति थे जिन्होंने कहानी कहने की कला को फिर से परिभाषित किया और पीढ़ियों को प्रेरित किया। जुबैदा में उनके साथ काम करना मेरे लिए एक परिवर्तनकारी अनुभव था, जिसने मुझे कहानी कहने की उनकी अनूठी शैली और प्रदर्शनों की बारीक समझ से परिचित कराया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं उनके निर्देशन में सीखी गई बातों के लिए हमेशा आभारी रहूंगा। उनके साथ काम करने का अवसर पाना एक बड़ा सम्मान था।’’
अभिनेता अक्षय कुमार ने बेनेगल को देश के बेहतरीन फिल्मकारों में से एक करार दिया। अक्षय कुमार ने कहा कि बेनेगल के निधन के बारे में जानकर उन्हें “दुख” हुआ है। उन्होंने कहा, ‘‘वह हमारे देश के बेहतरीन फिल्मकारों में से एक थे। ओम शांति।’’
काजोल ने अपनी इंस्टाग्राम स्टोरी में कहा कि भारतीय सिनेमा में बेनेगल का योगदान ‘‘अतुलनीय है और उनकी विरासत उनके अविश्वसनीय काम के माध्यम से जीवित रहेगी।’’
निर्माता करण जौहर ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कहा, ‘‘आपके सिनेमा के लिए धन्यवाद… ऐसी कहानियों के लिए जिन्होंने अविश्वसनीय प्रतिभा को आकार दिया और सीमाओं को आगे बढ़ाया और भारतीय सिनेमा में गौरव उत्पन्न किया।’’
फिल्म निर्माता सुधीर मिश्रा ने कहा कि बेनेगल “साधारण चेहरे और साधारण जीवन की कविता” व्यक्त करने में सर्वश्रेष्ठ थे।
तेलुगु सुपरस्टार एवं नेता चिरंजीवी ने भी बेनेगल को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने लिखा, ‘‘हमारे देश के बेहतरीन फिल्मकारों और महान बुद्धिजीवियों में से एक श्याम बेनेगल के निधन पर गहरा दुख हुआ। उन्होंने भारत की कुछ सबसे प्रतिभाशाली फिल्म प्रतिभाओं की खोज की और उनका पोषण किया।’’
निर्देशक राहुल ढोलकिया ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्हें बेनेगल से मिलने का मौका मिला, जो उनके पिता के मित्र भी थे।
निर्देशक संदीप रे ने श्याम बेनेगल के निधन को रे परिवार के लिए एक व्यक्तिगत क्षति बताया। उन्होंने याद किया कि बेनेगल ने उनके पिता सत्यजीत रे पर एक वृत्तचित्र बनाया था। संदीप ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बात करते हुए बेनेगल के निधन की खबर पर अपना दुख व्यक्त किया।
संदीप ने कहा, ‘‘जब भी मेरे पिता मुंबई जाते थे, बेनेगल उन्हें अपने घर और फिल्म की ‘स्क्रीनिंग’ पर आमंत्रित करते थे। उनके बीच एक अनोखा रिश्ता था।’’
ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने भी श्याम बेनेगल के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भारतीय सिनेमा का ‘अग्रदूत’ बताया। पटनायक ने कहा कि उनकी संवेदनाएं बेनेगल के परिवार, मित्रों और प्रशंसकों के साथ हैं।
बेनेगल को अपने करियर में कई राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। उन्हें 1976 में पद्मश्री, 1991 में पद्म भूषण और 2005 में सिनेमा के क्षेत्र में भारत के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। बेनेगल 2006 से 2012 तक राज्यसभा सांसद भी रहे।
अनुभवी अभिनेत्री शबाना आजमी ने बेनेगल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। शबाना आजमी ने कहा कि समानांतर सिनेमा के प्रणेता श्याम बेनेगल उनके गुरु थे जिन्होंने न केवल अभिनय के प्रति उनके दृष्टिकोण बल्कि जीवन की समझ को भी प्रभावित किया। बेनेगल का शबाना आजमी के करियर में बड़ा योगदान है। बेनेगल ने शबाना आजमी को पहली बार अपने निर्देशन में बनी पहली फिल्म ‘अंकुर’ में अभिनय करने का मौका दिया।
शबाना आजमी (74)ने कहा, ‘‘श्याम बेनेगल हर चीज में मेरे गुरु रहे हैं, न केवल अभिनय में बल्कि दुनिया को देखने के मेरे तरीके में भी। जब मैं ‘अंकुर’ के लिए बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में उनके साथ विदेश गई थी तो एक छोटे बच्चे के रूप में मेरी आंखों में सपने थे, तो मैं पहली शॉपिंग जगह पर दौड़ना चाहती थी।
आजमी ने हाल ही में एक साक्षात्कार में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘लेकिन उन्होंने टैक्सी चालक से सभी तरह के सवाल पूछे, वह बगीचे और इतिहास के बारे में जानना चाहते थे।’’
शबाना आजमी ने बेनेगल को एक प्रगतिशील और जानकारी के लिहाज से पारंगत फिल्म निर्माता बताया।