प्रयत्न संस्था ने करनाल में मनाई मुंशी प्रेमचंद जयंती, शहीद उधम सिंह शहादत दिवस व मोहम्मद रफी पुण्यतिथि
प्रेमचंद ने आमजन को पहली बार बनाया साहित्य का केंद्रः जयपाल
साहित्य, समाज व महिला सशक्तिकरण के संगम पर आधारित कार्यक्रम में विचार गोष्ठी, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और महिलाओं को प्रमाण पत्र व सम्मान वितरित
करनाल। स्थानीय जिला पंचायत भवन में प्रयत्न संस्था द्वारा एक विशेष विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुंशी प्रेमचंद की जयंती, शहीद उधम सिंह के शहादत दिवस और महान गायक मोहम्मद रफी की पुण्यतिथि को समर्पित विभिन्न गतिविधियाँ संपन्न हुईं। इस अवसर पर संस्था द्वारा लाइवलीहुड प्रशिक्षण प्राप्त महिलाओं को प्रमाण पत्र वितरित किए गए, जिससे महिला सशक्तिकरण को नई दिशा मिली।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में जनवादी लेखक संघ के प्रदेशाध्यक्ष जयपाल उपस्थित रहे। उन्होंने मुंशी प्रेमचंद के साहित्यिक योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद ने उर्दू में लेखन की शुरुआत की और पहली बार आमजन को अपने साहित्य का केंद्र बनाया। उन्होंने सामाजिक असमानता, अंधविश्वास, महिला उत्पीड़न, बेमेल विवाह और विधवा विवाह जैसी समस्याओं पर खुलकर लिखा। उनकी कहानियों में यथार्थ के साथ समाधान भी मौजूद रहता था, जो आज भी प्रासंगिक हैं।
कार्यक्रम का स्वागत भाषण प्रयत्न संस्था के डीपीओ राममेहर द्वारा प्रस्तुत किया गया, जिन्होंने गोष्ठी का उद्देश्य व कार्यक्रम की रूपरेखा सभी उपस्थितजनों को समझाई। विशिष्ट अतिथि जिला परिषद सदस्य राज किशन स्टौंडी ने मुंशी प्रेमचंद के जीवन व योगदान पर अपने विचार साझा करते हुए प्रयत्न संस्था द्वारा चलाई जा रही “सीड स्कीम” की सराहना की।
इस मौके पर डॉ. भीमराव अंबेडकर शिक्षा प्रचार प्रसार समिति के राज्याध्यक्ष व इंस्पेक्टर अमित ने एनटी/डीएनटी समुदाय के लिए किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पादों की ₹1000 की खरीद कर महिला उद्यमिता को प्रोत्साहित किया।
पानीपत के डीपीओ अंकित शर्मा ने कार्यक्रम में प्रबंधकीय व डाक्यूमेंटेशन से संबंधित अहम भूमिका निभाई। वहीं डीसीपी फूलकुमारी और एडवोकेट तमन्ना शर्मा ने सामाजिक मुद्दों पर आधारित गीतों की सुंदर प्रस्तुति दी, जिसने सभी श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम में थियेटर आर्ट ग्रुप द्वारा ‘सरला और मुनिया’ नामक नाटक की प्रस्तुति दी गई, जो बालिका शिक्षा पर आधारित था और दर्शकों ने इसे खूब सराहा। साथ ही प्रसिद्ध साहित्यकार व लघुकथाकार डॉ. अशोक भाटिया द्वारा रचित पुस्तकों की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई।
विशिष्ट अतिथि राज किशन स्टौंडी द्वारा महिलाओं के उत्पादों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया गया तथा उन्होंने स्वयं 1000 रुपये की खरीदारी कर समूहों की प्रशंसा की। कार्यक्रम के अंत में डीपीओ राममेहर ने मुख्य वक्ता जयपाल, राज किशन स्टौंडी, इंस्पेक्टर अमित, इंस्पेक्टर सतीश, डॉ. इंदु शर्मा, रिटायर्ड एसडीओ जसबीर सिंह, प्रवेश त्यागी और संचालनकर्ता नवमीत कौर को स्मृति चिन्ह भेंट किए।
कार्यक्रम में हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के जिला सचिव सुलेख चंद, कंप्यूटर टीचर एसोसिएशन के राज्याध्यक्ष सुरेंद्र प्योंत, मोहम्मद नाजिम समेत लगभग 450 ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया। यह आयोजन साहित्य, शहीद स्मरण, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक चेतना के अनूठे संगम का उदाहरण बना।