बलदेव सिंह महरोक की कविता- कमला, अगर तुम यहां पैदा होती

कविता

कमला, अगर तुम यहां पैदा होती

बलदेव सिंह महरोक

 

कमला!

अच्छा हुआ तुम्हारी मां ने सीमाओं को तोड़ा

किसी धर्म और जाति के चक्कर में नहीं पड़ी

जो अच्छा समझा वही किया

 कमला!

अगर तुम भारत में पैदा होती

तुम्हारे जन्म पर हो जाते सारे उदास

कहते- भगवान की यही मर्जी थी

तुम्हारी मां कितनी अच्छी थी

जो तुम्हारे जन्म पर उदास नहीं हुई

कमला!

तुम भारत में होती

तो किसी धर्म में फंसी रहती

किसी मस्जिद में जाती

किसी मंदिर में पूजा करती

व्रत रखती

पति परमेश्वर की सेवा करती

किसी घर में बर्तन मांज रही होती

या रोटियां सेंक रही होती

दो चार बच्चे पाल रही होती

या फिर कूड़े के ढेर में

पोलीथीन के टुकड़े बीन रही होती

कमला! अच्छा हुआ

तुम बिल्किस के देश में पैदा नहीं हुई

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