चंडीगढ़ के सांसद का दावा- ये कानून देश को ‘‘पुलिस स्टेट’’ में बदलने की नींव रखते हैं
दिल्ली पुलिस ने नए आपराधिक कानून के तहत पहली प्राथमिकी दर्ज की
आज एक जुलाई से लागू हुए नए आपराधिक कानूनों की पुन: समीक्षा करने की मांग लगातार तेज होती जा रही है। विपक्ष इस तरह की मांग कर रहा है कि ये कानून नुकसान पहुंचाने वाले हैं इसलिए इनकी समीक्षा की जानी चाहिए। अब चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी ने संसद से इन कानूनों की समीक्षा करने की मांग करते हुए दावा किया है कि ये कानून देश को ‘‘पुलिस स्टेट’’ में बदलने की नींव रखते हैं।
‘पुलिस स्टेट’ वह होता है जहां राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक जीवन पर सरकार का पूरी तरह से नियंत्रण होता है।
चंडीगढ़ के सांसद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर कहा, ‘‘एक जुलाई 2024 को मध्य रात्रि 12 बजे से लागू किए गए नए आपराधिक कानून के साथ ही, भारत को पुलिस स्टेट में बदलने की नींव रखी गई है।’’
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इनका क्रियान्वयन तत्काल रोका जाना चाहिए तथा संसद को इनकी पुनः समीक्षा करनी चाहिए।
देश में सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे।
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) 2023 आज से पूरे देश में प्रभावी हो गए हैं। इन तीनों कानून ने ब्रिटिशकालीन कानूनों क्रमश: भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह ली है।
दिल्ली में रेहड़ी फड़ी वाले पर नए कानून के तहत केस दर्ज
इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कमला मार्केट इलाके में एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत रविवार देर रात को पहली प्राथमिकी दर्ज की।
देश में सोमवार को तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए, जिससे भारत की आपराधिक न्याय प्रणाली में दूरगामी बदलाव आएंगे।
प्राथमिकी बीएनएस की धारा 285 के तहत दर्ज की गई है। इस धारा में कहा गया है कि यदि कोई व्यक्ति ‘‘किसी भी कार्य को करने या अपने कब्जे में या अपने प्रभार के तहत किसी भी संपत्ति को व्यवस्थित करने में चूक करता है’’ जिससे किसी सार्वजनिक मार्ग पर किसी व्यक्ति को खतरा होता है, अवरोध पैदा होता है या चोट लगती है, तो उसे 5,000 रुपये तक के जुर्माने से दंडित किया जाएगा।
पुलिस ने बताया कि रात करीब सवा 12 बजे एक रेहड़ी-पटरी वाले के खिलाफ शिकायत मिली थी, जिसने नयी दिल्ली स्टेशन के पास एक पैदल पुल पर सामान बेचने के लिए सार्वजनिक मार्ग को कथित तौर पर अवरुद्ध किया था।
उसने वहां से हटने का निर्देश अनसुना कर दिया जिसके बाद एक गश्ती अधिकारी ने रात डेढ़ बजे मामला दर्ज किया।
प्राथमिकी में कहा गया है कि अधिकारी ने जब्त सामग्री को दर्ज करने के लिए ई-प्रमाण ऐप का इस्तेमाल किया।
एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा द्वारा संचालित यह ऐप आगे की जांच के लिए सीधे पुलिस रिकॉर्ड में सामग्री को दर्ज करेगी।
दिल्ली पुलिस ने प्राथमिकियां दर्ज करने और जांच करने के लिए जिम्मेदार अपने 30,000 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली पुलिस देश में उन पहले पुलिस बलों में से एक है, जिन्होंने अपने कर्मियों को नये आपराधिक कानूनों पर प्रशिक्षण देना शुरू किया है।