‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्ष ने संसद से निकाला मार्च, हिरासत में लिए गए

 ‘वोट चोरी’ के खिलाफ विपक्ष ने संसद से निकाला मार्च, हिरासत में लिए गए

चुनाव आयोग कार्यालय तक निकाला जा रहा था मार्च, पूरा विपक्ष  एकजुट होकर शामिल था आंदोलन में

नयी दिल्ली। विपक्षी दलों के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ सोमवार को संसद भवन परिसर से मार्च निकाला। हालांकि, पुलिस ने उन्हें संसद मार्ग पर ही रोक दिया तथा बाद में हिरासत में ले लिया।

विपक्षी दलों ने एकजुटता दिखाने के साथ ही यह भी कहा कि देश साफ-सुथरी मतदाता सूची चाहता है और चुनाव आयोग ‘चुराव आयोग’ नहीं हो सकता।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा में विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा और कई विपक्षी सांसदों को हिरासत में ले लिया गया।

विरोध प्रदर्शन में राकांपा(शरद पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने भी हिस्सा लिया।

हिरासत में लिए गए नेताओं को संसद मार्ग थाने ले जाया गया, हालांकि पुलिस ने बाद में उन्हें छोड़ दिया।

राहुल गांधी ने कहा, ‘‘सच्चाई देश के सामने है। यह लड़ाई राजनीतिक नहीं है, यह संविधान को बचाने की लड़ाई है, ‘एक व्यक्ति एक वोट’ की लड़ाई है। हम एक साफ-सुथरी और सही मतदाता सूची चाहते हैं।’’

खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘भाजपा की कायराना तानाशाही नहीं चलेगी। ये जनता के वोट के अधिकार को बचाने की लड़ाई है। यह लोकतंत्र को बचाने का संघर्ष है। ‘इंडिया’ गठबंधन के साथी संविधान की धज्जियां उड़ाने वाली इस भाजपाई साज़िश को बेनक़ाब करके ही रहेंगे।’’

संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया।

पुलिस ने निर्वाचन सदन तक किये जाने वाले उनका मार्च रोकने के लिए संसद मार्ग पर ‘पीटीआई बिल्डिंग’ के सामने अवरोधक (बैरिकेड) लगा रखे थे।

पुलिस द्वारा रोके जाने पर विपक्षी दलों के सांसद सड़क पर ही बैठ गए और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’, ‘‘तानाशाही नहीं चलेगी’’, ‘‘मोदी सरकार हाय-हाय’’ जैसे नारे लगाने लगे।

उन्होंने कहा, ‘‘हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड फांद रहे हैं। जिन लोगों ने वोट काटे हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। 18 हजार वोटों को मतदाता सूची से हटाया था, जिनकी सूची मैंने खुद दी है। आयोग ने हलफनामा मांगा, हमने दे दिया। हर किसी को मतदान करने का अवसर मिलना चाहिए।’’

उधर, पुलिस अधिकारियों को लाउडस्पीकर पर सांसदों को रोकने के संबंध में घोषणा करते सुना गया।

तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा और सागरिका घोष, कांग्रेस सांसद ज्योतिमणि और संजना जाटव पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड पर खड़ी हो गईं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारे लगाए। इन चारों महिला सांसदों ने साड़ी पहन रखी थी।

तृणमूल कांग्रेस सांसद मिताली बाघ विरोध-प्रदर्शन के दौरान बेहोश हो गईं। राहुल गांधी और कई अन्य सांसदों ने उनकी मदद की। बाद में, तृणमूल सांसद को अस्पताल में भर्ती कराया गया।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी मार्च में शामिल थे। पार्टी ने हाल में ‘इंडिया’ गठबंधन से अलग होने की घोषणा की थी।

सांसदों ने सिर पर सफेद रंग की टोपी पहन रखी थी जिस पर ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था तथा उन पर लाल रंग के क्रॉस का निशान भी था।

राहुल गांधी नारेबाजी कर रहे सांसदों को पानी की बोतल वितरित करते हुए देखे गए।

करीब आधे घंटे तक नारेबाजी के बाद विपक्षी नेताओं को बसों से संसद मार्ग थाना ले जाया गया और बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।

मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी थी।

राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाए जाने और इस संबंध में कुछ खुलासे करने का दावा किए जाने के बाद विपक्षी दलों का यह पहला विरोध प्रदर्शन है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के आंकड़े सामने रखते हुए सात अगस्त को आरोप लगाया था कि मतदाता सूची में हेरफेर करके ‘‘वोट चोरी’’ का मॉडल भाजपा को फायदा पहुंचाने के लिए लागू किया गया है।

उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं के समक्ष महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र के मतदाता सूची के आंकड़े प्रस्तुत किए थे।

गांधी ने आरोप लगाया था कि बेंगलुरु मध्य लोकसभा सीट के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 मतों की चोरी की गई जबकि यह सीट पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 32,707 मतों के अंतर से जीती थी।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पुलिस के रोके जाने के बाद बैरीकेड फांदकर दूसरी तरफ चले गए।

उन्होंने कहा, ‘‘हम वोट बचाने के लिए बैरिकेड फांद रहे हैं। जिन लोगों ने वोट काटे हैं, उनके खिलाफ चुनाव आयोग को कार्रवाई करनी चाहिए। 18 हजार वोटों को मतदाता सूची से हटाया था, जिनकी सूची मैंने खुद दी है। आयोग ने हलफनामा मांगा, हमने दे दिया। हर किसी को मतदान करने का अवसर मिलना चाहिए।’’

संसद के मकर द्वार के सामने मार्च शुरू करने से पहले विपक्षी सांसदों ने राष्ट्रगान गाया।

इससे पहले परिवहन भवन के पास पीटीआई बिल्डिंग के सामने रोके जाने पर सांसद सड़क पर ही बैठक गए और ‘‘वोट चोरी बंद करो’’ जैसे नारे लगाने लगे।

उधर पुलिस अधिकारियों को लाउड स्पीकर पर सांसदों को रोकने के संबंध में घोषणा करते सुना गया।

सांसदों ने सिर पर सफेद रंग की टोपी पहन रखी थी जिस पर ‘एसआईआर’ और ‘वोट चोरी’ लिखा था तथा उन पर लाल रंग के क्रॉस का निशान भी था।

मार्च शुरू होने से पहले दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी ने भी इस प्रदर्शन के लिए अनुमति नहीं मांगी थी।

राहुल गांधी द्वारा मतदाता सूची में कथित धांधली का आरोप लगाए जाने और इस संबंध में कुछ खुलासे करने का दावा किए जाने के बाद विपक्षी दलों का यह पहला विरोध प्रदर्शन है।

विपक्षी सांसदों को हिरासत में लिए जाने पर उद्धव ने कहा, दुनिया ने लोकतंत्र की ‘हत्या’ देखी

मुंबई में शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को निर्वाचन आयोग के खिलाफ मार्च के दौरान विपक्षी सांसदों को दिल्ली में हिरासत में लिए जाने को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि दुनिया ने देखा कि भारत में लोकतंत्र की ‘हत्या’ की जा रही है।

ठाकरे ने मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने “वोट चोरी” मुद्दे पर निर्वाचन आयोग के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले सांसदों को हिरासत में लेकर अपने हाथों से लोकतंत्र को कलंकित किया है।

विरोध मार्च को निर्वाचन आयोग के खिलाफ लड़ाई करार देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अब यह स्पष्ट है कि सरकार प्रदर्शन में हस्तक्षेप क्यों कर रही है।

भाजपा का आरोप, कांग्रेस और विपक्ष का प्रदर्शन देश में अराजकता, अस्थिरता पैदा करने की सोची-समझी रणनीति

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और पूर्व के चुनावों में कथित ‘‘वोट चोरी’’ के खिलाफ प्रदर्शन को लेकर सोमवार को विपक्षी दलों की आलोचना की तथा उन पर देश में अराजकता पैदा करने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने नयी दिल्ली में  भाजपा मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सत्तारूढ़ दल और निर्वाचन आयोग के खिलाफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के ‘‘वोट चोरी’’ के आरोप को ‘‘झूठ’’ करार दिया और कहा कि कांग्रेस इस तरह के हथकंडे अपना रही है, क्योंकि उसके पास कोई अन्य मुद्दा नहीं है।

शिवराज सिंह चौहान ने गांधी पर ‘‘देश विरोधी ताकतों के दबाव में’’ काम करने का आरोप लगाया।

भाजपा के वरिष्ठ नेता ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘वह और ‘इंडी’ गठबंधन लोकतंत्र को बदनाम कर रहे हैं, उसकी धज्जियां उड़ा रहे हैं और संवैधानिक संस्थाओं की मर्यादाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।’’प्रधान ने आरोप लगाया कि विपक्ष का प्रदर्शन देश में अस्थिरता पैदा करने के लिए एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है।

उन्होंने आरोप लगाया, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल देश में अराजकता पैदा करना चाहते हैं।” उन्होंने कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी उन ‘‘बड़ी ताकतों’’ की भाषा बोल रहे हैं, जो देश में लोकतंत्र को नष्ट करना चाहती हैं।

प्रधान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल बिहार में चुनाव प्रक्रिया एवं मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर सवाल उठा रहे हैं तथा निर्वाचन आयोग के खिलाफ निराधार आरोप लगा रहे हैं, क्योंकि वे देश में ‘‘घुसपैठियों और विदेशियों’’ को मतदाता बनाना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘लोगों के मन में डर पैदा करके आप प्रधानमंत्री (नरेन्द्र) मोदी के नेतृत्व, जनता के फैसले और देश की संवैधानिक व्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव नहीं डाल सकते।’’

प्रधान ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों पर ‘‘अलोकतांत्रिक और जनविरोधी’’ राजनीति में लिप्त होने का आरोप लगाया और उनसे विपक्ष की भूमिका निभाने को कहा, जिसकी देश उनसे अपेक्षा करता है।

उन्होंने निर्वाचन आयोग के समक्ष शपथ पत्र में ‘‘वोट चोरी’’ के अपने आरोपों का सबूत साझा न करने के लिए गांधी की आलोचना की और कहा कि कांग्रेस नेता का यह रवैया देश के लोकतंत्र के लिए ‘‘बहुत चिंताजनक और घातक’’ है।

प्रधान ने आरोप लगाया कि कांग्रेस राफेल लड़ाकू विमान, ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से लेकर महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभाओं के चुनाव परिणामों तक कई मुद्दों पर झूठे दावे कर ‘‘झूठ का जाल’’ बुन रही है, क्योंकि 2014 से उसे चुनावों में लगातार हार मिली है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस की दिशाहीनता पर गंभीर चिंता व्यक्त करता हूं। जो लोग संविधान की प्रति लेकर घूमते रहते हैं, क्या उन्होंने इसे नष्ट करने का मन बना लिया है? मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं।’’

चौहान ने गांधी पर ‘‘बार-बार झूठ बोलने’’ का आरोप लगाया और उन पर देश में ‘‘अराजकता फैलाने’’ का आरोप लगाया।

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘मैं राहुल जी और ‘इंडी’ गठबंधन के नेताओं से पूछना चाहता हूं कि क्या कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस मतदाता सूची की गड़बड़ियों के कारण जीती? क्या तेलंगाना, तमिलनाडु और झारखंड में निर्वाचन आयोग की गलती के कारण सरकार बनी? क्या राहुल जी, प्रियंका (गांधी वाद्रा) जी और अखिलेश यादव जी भी मतदाता सूची की गड़बड़ियों के कारण चुनाव जीते हैं?’’