विपक्ष ने ‘तानाशाही’ के खिलाफ और लोकतंत्र बचाने के लिए मतदान की अपील की

नई दिल्ली। कांग्रेस और विपक्ष के कई अन्य प्रमुख दलों ने लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा के बाद शनिवार को कहा कि वह इस चुनावी मुकाबले के लिए तैयार हैं तथा यह चुनाव लोकतंत्र एवं संविधान को तानाशाही से बचाने का शायद आखिरी मौका होगा।

निर्वाचन आयोग ने शनिवार को लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों की घोषणा कर दी। इस बार चुनाव 19 अप्रैल से एक जून के बीच सात चरणों में होंगे और मतगणना चार जून को होगी।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सोशल मीडिया पोस्ट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘2024 लोकसभा चुनाव भारत के लिए ‘न्याय का द्वार’ खोलेगा। लोकतंत्र एवं संविधान को तानाशाही से बचाने का शायद ये आखिरी मौका होगा। ‘हम भारत के लोग’ साथ मिलकर नफरत, लूट, बेरोजगारी, महंगाई व अत्याचार के खिलाफ लड़ेंगे। हाथ बदलेगा हालात।’’

खरगे ने संवाददाताओं से कहा कि हम इस बारे में चिंतित नहीं हैं कि क्या होने वाला है, यह एक नियमित घोषणा थी….मैंने लगभग 12 (लोकसभा) चुनाव देखे हैं और मुश्किल से 4-5 चरण होते थे, लेकिन इस बार यह सात चरणों में हो रहा है। चुनाव के दौरान इतने सारे विकास कार्य ठप्प हो जायेंगे, सोचिये देश कैसे प्रगति करेगा।’’

उन्होंने दावा किया कि ऐसा लगता है कि सात चरणों में मतदान कराया जा रहा है ताकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हर जगह का दौरा कर सकें।

खरगे ने कहा कि यह चुनाव तीन-चार चरणों में होना चाहिए था।

कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा कि चुनाव का बिगुल बजा है, जनता ने ललकारा है। न्याय की इस रणभूमि में लोकतंत्र ने हमें पुकारा है और हम तैयार हैं। आज चुनाव आयोग ने आम चुनाव की घोषणा कर दी है, लेकिन यह चुनाव ‘आम’ नहीं है।’’

उन्होंने कहा कि इस चुनाव में फैसला होगा कि यह देश और हमारा लोकतंत्र- मजदूर, किसान, मध्यम वर्गीय लोगों के कंधे पर चलेगा या चुनिंदा पूंजीपतियों के कंधे पर चलेगा। इससे तय होगा की देश बाबा साहेब के संविधान पर चलेगा या एक तानाशाह के गुणगान पर चलेगा।

खेड़ा का कहना था कि यह चुनाव बेहद खास है। इसमें सिर्फ वोट ही नहीं, तानाशाही और अहंकार पर चोट भी पड़ेगी।

आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि लोगों को ‘तानाशाही और गुंडागर्दी’ के खिलाफ वोट करना चाहिए।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘देश में लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। ये लोकतंत्र का महापर्व है। मेरी सभी देशवासियों से अपील है कि इस बार तानाशाही के खिलाफ वोट करें, गुंडागर्दी के खिलाफ वोट करें।’’

केजरीवाल ने कहा कि आम आदमी पार्टी लोगों के असल मुद्दों पर काम करती है, जनता को सहूलियतें देती है। जहां-जहां आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनावी मैदान में लड़ रहे हैं वहां झाड़ू पर वोट देकर हमारे हाथ मज़बूत करें ताकि हम और अधिक ऊर्जा से आपके लिए काम कर सकें।’’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने दावा किया कि इस चुनाव में भाजपा की विदाई हो रही है।

उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘इस बार घोषित हुई लोक सभा चुनावों की तिथियों और सात चरणों का देश की जनता और हम सब मिलकर विशेष हर्षोल्लास के साथ अभूतपूर्व स्वागत करते हैं क्योंकि ये सात चरण दरअसल दुख, दर्द और दमन का प्रतीक बन चुकी भाजपा सरकार की सात चरणों में हो रही विदाई की ‘क्रोनोलॉजी’ है! सातों चरण हराओ, भाजपा हटाओ।’’

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने दावा किया कि निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल सरकार के सुझावों पर ध्यान नहीं दिया।

पश्चिम बंगाल की 42 सीट के लिए सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे।

टीएमसी के राज्यसभा सदस्य सुखेंदु शेखर रे ने दावा किया कि यह देश के संघीय ढांचे की उपेक्षा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के विचारों पर ध्यान नहीं दिया गया। यह संघीय ढांचे की उपेक्षा है। हम इतने चरणों में चुनाव कराने के कारणों को नहीं समझ पा रहे हैं। ये काफी हैरान करने वाली बात है।’’

नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने दावा किया कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव नहीं कराने में ‘‘कुछ गड़बड़’’ है।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाला केंद्र ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’’ पर जोर दे रहा है और यह इसके लिए एक अवसर था।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लोकतांत्रिक स्थान देने से वंचित किया जा रहा है।

पार्टी प्रवक्ता मोहित भान ने कहा, ‘‘ पिछले 10 वर्षों से जम्मू-कश्मीर के लोगों को लोकतंत्र में एक महत्वपूर्ण स्थान देने से रणनीतिक रूप से वंचित किया जा रहा है। यहां तक कि यहां पंचायत और नगरपालिका चुनाव भी नहीं हो रहे हैं जबकि लोग संसदीय चुनाव कराने की बात कर रहे हैं।’’