अब निशिकांत दुबे का एसवाई कुरैशी को लेकर विवादित बयान

भाजपा सांसद ने कहा- कुरैशी निर्वाचन आयुक्त नहीं बल्कि ‘मुस्लिम आयुक्त’ थे

नयी दिल्ली। गोड्डा से भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ टिप्पणी से भले ही हंगामा मचा हो और पार्टी को शर्मिंदगी से बचाने के लिए पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उस बयान को दुबे का निजी बयान कहकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की हो, लेकिन निशिकांत दुबे की सेहत पर इसका कोई असर नहीं पड़ा। अब रविवार को उन्होंने एस. वाई. कुरैशी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि एक “मुस्लिम आयुक्त” थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के भाजपा पर प्रभुत्व के बाद पार्टी में उन्हीं लोगों को प्रमोशन और तरजीह मिली जो लोग विपक्षी नेताओं और भाजपा से असहमति रखने वालों को गालियां दिया करते हैं। इस बात को निशिकांत दुबे भली भांति जानते हैं। इसीलिए वह लगातार ऐसे बयान देते रहते हैं जिसकी भाजपा की ट्रोल आर्मी प्रशंसा करती है और वायरल करती है। निशिकांत दुबे तो हर समय अपने किसी न किसी बयान को लेकर चर्चा में रहते हैं जिसे कोई सभ्य समाज स्वीकार करने से खुद को दूर रखता हो। दुबे ने एक दिन पहले उच्चतम न्यायालय और भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना पर तीखा हमला बोला था और भारत में “धार्मिक युद्ध” के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहराया था।

इसके बाद भाजपा ने उनकी विवादास्पद टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया। दुबे चार बार से झारखंड के गोड्डा से लोकसभा सदस्य हैं।

भारत के पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त रहे एसवाई कुरैशी हमेशा से भाजपा की नीतियों के आलोचक रहे हैं। उन्होंने अभी वक्फ (संशोधन) अधिनियम की आलोचना करते हुए इसे “मुस्लिमों की भूमि हड़पने की सरकार की भयावह और बुरी योजना” बताया था।

कुरैशी ने 17 अप्रैल को ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोप लगाया था, “वक्फ अधिनियम निस्संदेह मुस्लिमों की भूमि हड़पने के लिए सरकार की एक भयावह योजना है। मुझे यकीन है कि उच्चतम न्यायालय इस पर सवाल उठाएगा। दुष्प्रचार मशीनरी ने गलत सूचना फैलाने का अपना काम बखूबी किया है।”

भाजपा सांसद ने इस पर रविवार को प्रतिक्रिया व्यक्त की।

दुबे ने कहा, “आप चुनाव आयुक्त नहीं थे, आप एक मुस्लिम आयुक्त थे। आपके कार्यकाल में झारखंड के संथाल परगना में सबसे अधिक बांग्लादेशी घुसपैठियों को मतदाता बनाया गया।”

उन्होंने कहा, “पैगंबर मुहम्मद का इस्लाम भारत में 712 ई. में आया था। उससे पहले यह भूमि (वक्फ) उस धर्म से जुड़े हिंदुओं या आदिवासियों, जैनियों या बौद्धों की थी।”

दुबे ने कहा कि उनके गांव विक्रमशिला को 1189 में बख्तियार खिलजी ने जला दिया था और विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को आतिश दीपांकर के रूप में “पहला कुलपति” दिया था।

उन्होंने कहा,“इस देश को एकजुट करो, इतिहास पढ़ो। पाकिस्तान को बांटकर बनाया गया था। अब कोई बंटवारा नहीं होगा।”