पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए 500 करोड़ रुपये चाहिए: नवजोत कौर सिद्धू

पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए 500 करोड़ रुपये चाहिए: नवजोत कौर सिद्धू

कहा- मुख्यमंत्री बनने के बाद ही राजनीति में वापसी करेंगे नवजोत सिंह सिद्धू

कांग्रेस की पूर्व विधायक के बयान से राजनीतिक तूफान

 

अब तक क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू के बयान पर धमाका होता था लेकिन लगता है कि वह कमी उनकी पत्नी नवजोत कौर पूरी कर देंगी। कल 6 दिसंबर को उनके बयान से तो यही लगता है। आइए अब असली कहानी पर चलते हैं।

नवजोत कौर सिद्धू ने यह आरोप लगाकर पंजाब में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है कि पंजाब का मुख्यमंत्री बनने के लिए 500 करोड़ रुपये से भरा सूटकेस देना पड़ता है, जो उनके पति नहीं दे सकते। पूर्व विधायक ने शनिवार शाम को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया से मुलाकात की थी, जिसके बाद उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था समेत कई मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि उन्होंने यह किसी पार्टी का नाम लेकर यह टिप्पणी नहीं की, लेकिन यह जरूर कहा कि सिद्धू तभी एक्टिव पॉलिटिक्स में वापस आएंगे, जब उन्हें कांग्रेस का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाया जाएगा।

नवजोत कौर ने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी में बहुत गुटबाजी है और कई लोग मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर चुनाव लड़ने के लिए एक-दूसरे को नीचा दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस के पास पहले से ही पांच मुख्यमंत्री चेहरे हैं जो पार्टी को हराने में लगे हुए हैं।’ इसके बाद ही उन्होंने कहा कि उनके पास किसी पार्टी को देने के लिए पैसे नहीं हैं। लेकिन वह पंजाब को सुनहरा राज्य बना सकते हैं।

नवजोत  कौर के इस बयान के संबंध में जब पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वडिंग से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि यह पार्टी हाईकमान का काम है।

पूर्व डिप्टी चीफ मिनिस्टर और गुरदासपुर के सासंद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि सिद्धू परिवार को बाहर का रास्ता दिखा देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘ऐसा लगता है कि जिस मिशन के लिए सिद्धू परिवार कांग्रेस में आया था, वह पूरा हो गया है। क्या वे हमें बताएंगे कि उन्होंने पंजाब कांग्रेस प्रेसिडेंट को कितना दिया, जो उस समय मुख्यमंत्री के बराबर थे? अगर हम उनके पिछले परफॉर्मेंस को देखें, तो यह साफ है कि वे विपक्ष द्वारा तैयार की गई स्क्रिप्ट के अनुसार बोलते थे, जिससे कांग्रेस को भारी नुकसान हुआ। अब वे पार्टी की पीठ में छुरा घोंप रहे हैं।’

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