आम हड़ताल में 27 लाख से अधिक बिजली क्षेत्र के कर्मचारी हुए शामिल
नयी दिल्ली। अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ ने बुधवार को दावा किया कि निजीकरण और श्रम विरोधी नीतियों के खिलाफ देशभर में 27 लाख से अधिक बिजली क्षेत्र के कर्मचारी सड़क पर उतरे और श्रम संघों द्वारा आहूत आम हड़ताल में हिस्सा लिया।
अखिल भारतीय विद्युत अभियंता महासंघ (एआईपीईएफ) ने बयान में कहा गया कि उत्तर प्रदेश के करीब एक लाख बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मी, कनिष्ठ इंजीनियर और इंजीनियर अपने कार्य स्थलों से बाहर आए और उत्तर प्रदेश की दो बिजली वितरण कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।
बिजली कर्मचारियों एवं अभियंताओं की राष्ट्रीय समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देश के सभी प्रांतों के करीब 27 लाख बिजली कर्मचारियों ने एक दिवसीय हड़ताल कर उत्तर प्रदश के बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों के साथ अपनी एकजुटता प्रदर्शित की है।
एआईपीईएफ के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के व्यापक हित में उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम तथा दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण को तत्काल वापस लिया जाना चाहिए।
बयान में कहा गया कि लखनऊ, वाराणसी, आगरा, तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, विजयवाड़ा, बेंगलुरु, पुडुचेरी, मुंबई, नागपुर, गांधीनगर, जबलपुर, रायपुर, कोरबा, भोपाल, कोलकाता, गुवाहाटी, शिलॉन्ग, भुवनेश्वर, रांची, पटना, श्रीनगर, जम्मू, शिमला, पटियाला, चंडीगढ़, जयपुर और दिल्ली में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे।
निजीकरण और केंद्र सरकार की अन्य नीतियों के विरोध में 10 केंद्रीय श्रम संघों के एक मंच ने बुधवार को एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया था।
श्रमिक संगठनों की हड़ताल, केरल में पूर्ण बंद
तिरुवनंतपुरम। केंद्र सरकार की कथित श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध में श्रमिक संगठनों द्वारा आहूत 24 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल के कारण केरल में दुकानें, कार्यालय एवं स्कूल बंद रहे, सार्वजनिक वाहन सड़कों से नदारद रहे और सड़कें सुनसान रहीं।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) शासित राज्य के शहरों, कस्बों और गांवों में हड़ताल का व्यापक असर देखा गया।
राज्य की सड़कों पर केवल निजी वाहन ही दिखाई दिए और कई जगहों पर लोग बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर फंस गए। कई इलाकों में पुलिसकर्मी उनकी मदद के लिए पहुंचे और उन्हें सरकारी वाहनों से अस्पतालों सहित उनके गंतव्यों तक पहुंचाया गया।
विभिन्न श्रमिक संगठनों से जुड़े प्रदर्शनकारियों ने राज्य भर में केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाते हुए मार्च निकाले और हड़ताल के बावजूद चल रहीं बस और ऑटो को बीच रास्ते में ही रोक दिया।
प्रदर्शनकारियों ने सुबह कोच्चि और कोल्लम में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) की बस सेवा बाधित कर दी और कर्मचारियों के साथ बहस भी की।
कोच्चि में बस कर्मचारियों ने कहा कि वे भाजपा के श्रमिक संगठन भारतीय मजदूर संघ से जुड़े हैं और उन्होंने प्रदर्शन में सहयोग न करने का फैसला किया है।
उन्होंने हालांकि आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें यात्रा पूरी करने के लिए पर्याप्त सहायता प्रदान नहीं की।
केएसआरटीसी के एक वाहन चालक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है जिसमें वह हैलमेट पहनकर बस चलाता दिख रहा है।
बाद में, प्रदर्शनकारियों ने पथनमथिट्टा से कोल्लम जा रही उसकी बस को भी बीच रास्ते में रोक दिया।
सुबह के समय हालांकि तिरुवनंतपुरम की सड़कों पर कुछ ऑटो रिक्शा चलते देखे गए लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें भी रोक दिया।
वाहन सड़कों से नदारद रहे तथा विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए काम नहीं किया जिससे सड़कें सुनसान रहीं।
स्वास्थ्य सेवा, आपातकालीन सेवाएं तथा दूध आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाओं को हालांकि हड़ताल से छूट दी गई है ताकि आम लोगों को परेशानी नहीं हो।
राज्य में छोटी-छोटी दुकानों से लेकर सुपरमार्केट और शॉपिंग मॉल तक सभी दुकानें बंद रहीं।
अधिकारियों ने सरकारी कर्मचारियों के हड़ताल के दिन छुट्टी लेने पर रोक लगा दी। इसके बावजूद सरकारी कार्यालयों और संस्थानों में उपस्थिति उल्लेखनीय रूप से कम रही, क्योंकि राष्ट्रव्यापी हड़ताल को माकपा शासित राज्य में श्रमिक संगठनों और वामपंथी संगठनों का जबरदस्त समर्थन मिला।
दिल्ली में नहीं दिखा असर, खुले रहे बाजार
नयी दिल्ली। श्रम अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा सुधारों सहित 17-सूत्री मांगों को लेकर कई श्रम संगठनों की तरफ से बुधवार को देशव्यापी हड़ताल के आह्वान के बावजूद राष्ट्रीय राजधानी के बाजार खुले रहे।
कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि बंद का दिल्ली की व्यावसायिक गतिविधियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
व्यापारी संगठन सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने कहा, ‘‘दिल्ली के सभी 700 बाज़ार और 56 औद्योगिक क्षेत्र सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।’’
दिल्ली के सबसे व्यस्त व्यावसायिक केंद्रों में से एक कनॉट प्लेस में भी सामान्य कामकाज देखा गया।
नई दिल्ली व्यापारी संघ (एनडीटीए) के संयुक्त सचिव अमित गुप्ता ने कहा, ‘‘कनॉट प्लेस के लिए यह एक सामान्य कार्य दिवस है। यहां बंद का कोई प्रभाव नहीं है।’’
प्रमुख कारोबार केंद्र खान मार्केट भी बंद से अप्रभावित रहा।
खान मार्केट ट्रेडर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव खन्ना ने कहा, ‘‘हमने किसी भी बंद में भाग नहीं लिया है। पूरा खान मार्केट हमेशा की तरह खुला है।’’