- विधायक दल की बैठक में पूर्व सीएम शिवराज ने रखा प्रस्ताव, सबने जताई सहमति
- दो मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे, पूर्व कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे
भोपाल। आखिर जिसकी आशंका थी वही हुआ। भाजपा ने शिवराज सिंह चौहान को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपी। उनकी जगह तीन बार के विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बनाकर चौंकाया जरूर है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में दो उप मुख्यमंत्री भी होंगे। पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर विधानसभा अध्यक्ष बनेंगे।
रविवार भोपाल में विधायक दल की बैठक के दौरान केंद्रीय पर्यवेक्षक और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मोहन यादव के नाम का प्रस्ताव रखने को कहा। इसके बाद चौहान ने मोहन का नाम प्रस्तावित किया और नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया। डॉ. मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया।
इसके बाद मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस अवसर पर भाजपा आला कमान द्वारा भेजे गये तीनों पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाक्टर के लक्ष्मण और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लकडा भी मौजूद थीं।
मजेदार यह रहा कि जब चौहान ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा तो मोहन यादव समझ नहीं पाये। फिर जब दोबारा नाम लिया गया तब उनकी समझ में आया और उन्होंने खड़े होकर हाथ जोड़ दिया।
मोहन यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण से विधायक चुने गए थे। दोबारा वह 2018 में विधायक बने और 2020 में जब शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने तो मोहन यादव को उच्च शिक्षा मंत्री बनाया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में मोहन यादव ने कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव पर 12,941 वोटों से जीत हासिल की।
वरिष्ठ नेता नरेंद्र सिंह तोमर, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद पटेल समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रस्ताव का समर्थन किया।
डॉ. मोहन यादव को विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने राज्यपाल मंगू भाई पटेल को अपना त्यागपत्र सौंप दिया। मनोनीत मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राजभवन में राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस अवसर पर भाजपा आला कमान द्वारा भेजे गये तीनों पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डाॅक्टर के लक्ष्मण और भाजपा की राष्ट्रीय सचिव आशा लक़डा भी मौजूद थीं।
अपने चयन के बाद पार्टी विधायकों को संबोधित करते हुए मोहन यादव ने कहा कि वे पार्टी के छोटे से कार्यकर्ता हैं और इस जिम्मेदारी के लिए वे केंद्रीय और प्रदेश के नेताओं के आभारी हैं। उन्होंने कहा कि वह अपनी जिम्मेदारी को निभाने का पूरा प्रयास करेंगे।
छात्र राजनीति से लेकर प्रदेश की राजनीति तक
मोहन यादव ने भी अपने राजनैतिक कॅरियर की शुरुआत 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव पद से की थी। उसके बाद 1984 में वे छात्रसंघ अध्यक्ष, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री और 1986 में विभाग प्रमुख रहे। 1988 में वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद मध्यप्रदेश के प्रदेश सहमंत्री एवं राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे। 1989-90 में परिषद की प्रदेश इकाई के प्रदेश मंत्री रहे और सन्1991-92 में परिषद के राष्ट्रीय मंत्री बने। डा. मोहन यादव ने बी.एस.सी., एल-एल.बी., एम.ए.(राज.विज्ञान), एम.बी.ए., पी.एच.डी.की डिग्री हासिल की है।
मिल में काम करते थे पिता
मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव मिल में काम करते थे। उनकी सबसे बड़ी बहन कलावती यादव निगम सभापति हैं। मोहन यादव की बेटी आकांक्षा, बड़े भाई नंदू भैया यादव, दूसरे भाई नारायण यादव मोहन यादव पेशे से डॉक्टर हैं। मोहन यादव के दो बेटे हैं। एक वैभव यादव एडवोकेट और दूसरा अभिमन्यु यादव डॉक्टर।