जलेस राजस्थान ने कॉलेज शिक्षक नेताओं को गैर कानूनी तरह से गिरफ्तार करने की निंदा की

जलेस राजस्थान ने कॉलेज शिक्षक नेताओं को गैर कानूनी तरह से गिरफ्तार करने की निंदा की 

  • बनारस जा रहे थे शिक्षक पदाधिकारी धरना में शामिल होने, राजस्थान पुलिस ने किया गिरफ्तार

जयपुर। जनवादी लेखक संघ राजस्थान ने पुलिस द्वारा राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ (रूक्टा) से जुड़े कॉलेज शिक्षक नेताओं को गैर कानूनी तरह से गिरफ्तार करने की निंदा की है। जलेस पदाधिकारियों प्रदेश अध्यक्ष प्रोफेसर राजीव गुप्ता, सचिव डॉ संदीप मील और उप सचिव डॉ. भरत मीना ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि अपने अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आवाज उठाना कोई जुर्म नहीं है। संविधान का अनुछेद 19 भी नागरिकों को यह अधिकार देता है।
उल्लेखनीय है कि ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज टीचर्स ऑर्गेनाइजेशन ( एआई फुक्टो) के आह्वान पर 13 सितम्बर को पूरे देश के कॉलेज शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र बनारस में धरना देने का फैसला किया है।
पूरे भारत में नई पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने, कॉलेज टीचर्स की सेवानिवृत्ति आयु एक समान 65 वर्ष करने, नई शिक्षा नीति 2020 को निरस्त करने, यूजीसी ड्राफ्ट विनिमय 2024 और 2025 को वापस करने, पीएचडी व एमफिल के इंक्रीमेंट लागू करने, 8वे वेतन संशोधन के समय वर्तमान पेंशनधारी और भविष्य के पेंशनधारियों के बीच कोई भेदभाव नहीं करने, पीएच.डी को एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पदोन्नति से अलग करने सहित शिक्षा के लिए बजट आवंटन को 10% तक बढ़ाने जैसी मांगों को लेकर धरना आयोजित किया गया है।
इस धरने में राजस्थान से भी राजस्थान विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल 12 सितंबर को वाराणसी जाने वाला था। किंतु रुक्टा अध्यक्ष डॉ. रघुराज परिहार को कोटा स्थित उनके निवास स्थान से तथा महामंत्री डॉ बनय सिंह, पूर्व महामंत्री डॉ. घासीराम चौधरी सहित लोगों को सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार करके जयपुर लाया गया। पुलिस ने यह कृत्य कॉलेज शिक्षक नेताओं को वाराणसी धरने में शामिल होने से रोकने की नीयत से किया।
जनवादी लेखक संघ, राजस्थान पुलिस के इस कृत्य को सत्ता के इशारे पर किया गया अलोकतांत्रिक और शिक्षक विरोधी कृत्य मानता है। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर राज्य के ऐसे अंकुश का पुरजोर विरोध करते हैं।

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