गीता की महाआरती व महापूजन से हुआ अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का आगाज

  • उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ब्रह्मसरोवर पर महाआरती व महापूजन में की शिरकत
  • सभी मेहमानों ने असम व हरियाणा पवेलियन, राज्यस्तरीय प्रदर्शनी का भी किया विधिवत उद्घाटन व अवलोकन
  • ब्रह्मसरोवर के पावन तटों पर 24 दिसंबर तक चलेगा अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव

चंडीगढ़। पवित्र ग्रंथ गीता की महाआरती व महापूजन तथा गीता के श्लोकों के उच्चारण के बीच कुरुक्षेत्र के अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का आगाज हुआ। इस आगाज के साथ ही ब्रह्मसरोवर के चारों तरफ पवित्र ग्रंथ गीता के श्लोकोच्चारण से पूरी फिजा ही गीतामय हो गई।

इसके साथ ही उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने पवित्र ग्रंथ गीता की महाआरती व महापूजन कर विधिवत रूप से 17 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चलने वाले अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का शुभारम्भ किया।

अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में पहुंचने पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वागत किया।

 

यहां पर देश के विभिन्न राज्यों से आए लोक कलाकारों ने अपने-अपने प्रदेश की वेशभूषा में सुसज्जित होकर लोक नृत्यों पर झूमकर दूर-दराज से आए मेहमानों और पर्यटकों का कुरुक्षेत्र की पावन धरा पर पहुंचने पर खुशी का इजहार किया।

उप राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री ने आचार्य पंडित नरेश व वेदपाठी विद्यार्थियों और विद्वानों द्वारा श्लोकोंच्चारण के बीच पवित्र ग्रंथ गीता की महाआरती व महापूजन से अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का शुभारम्भ किया।

इसके पश्चात सभी मेहमानों ने भागीदारी राज्य असम के पवेलियन में असम प्रदेश के खान-पान, रहन-सहन, परिधानों सहित अन्य विभिन्न दृश्यों को दर्शाने वाले स्टॉलों का अवलोकन किया। इसके उपरांत सभी मेहमानों ने इस महोत्सव में बनाए गए हरियाणा पवेलियन की सांस्कृतिक विरासत के दर्शन किए।

यह महोत्सव 17 दिसंबर से 24 दिसंबर तक चलेगा। इस महोत्सव में 18 हजार विद्यार्थियों के साथ वैश्विक गीता पाठ, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक कला केन्द्र पटियाला, हरियाणा कला एवं सांस्कृतिक कार्य विभाग द्वारा विभिन्न राज्यों के कलाकारों के सांस्कृतिक कार्यक्रम, अंतर्राष्ट्रीय गीता सेमिनार, संत सम्मेलन, ब्रहमसरोवर की महाआरती, दीपोत्सव, 48 कोस के 164 तीर्थों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहेंगे। इसके लिए प्रशासन और कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड की तरफ से सुरक्षा और व्यवस्था के तमाम पुख्ता इंतजाम किए गए है।