‘इंडिया’ गठबंधन की शनिवार को ऑनलाइन बैठक,  संसद के लिए साझा रणनीति और राजनीतिक हालात पर होगी चर्चा

इंडियागठबंधन की शनिवार को ऑनलाइन बैठक,  संसद के लिए साझा रणनीति और राजनीतिक हालात पर होगी चर्चा

संजय सिंह ने कहा, आप इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं, लंबे समय से बैठक न होने के लिए कांग्रेस पर साधा निशाना

नयी दिल्ली। शुक्रवार का दिन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ इंडिया गठबंधन के लिए विशेष रहा। उसके एक घटक दल आम आदमी पार्टी ने गठबंधन से अलग होने की घोषणा कर दी तो दूसरी तरफ कांग्रेस ने संसद सत्र के लिए साझी रणनीति तय करने के लिए गठबंधन की बैठक बुलाई तो तृणमूल कांग्रेस ने उसमें शामिल होने की हामी भर दी।

विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दलों की शनिवार को ऑनलाइन बैठक होगी, जिसमें संसद के मानसून सत्र में सरकार को घेरने की साझा रणनीति और देश के वर्तमान राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी।

इस बैठक से एक दिन पहले, आम आदमी पार्टी (आप) ने शुक्रवार को ‘इंडिया’ गठबंधन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह अब विपक्षी गठजोड़ का हिस्सा नहीं है और इसका नेतृत्व करने में कांग्रेस पार्टी की भूमिका पर सवाल उठाया। राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने एक एजेंसी को दिए वीडियो इंटरव्यू में कहा, ‘‘आम आदमी पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। ‘इंडिया’ गठबंधन लोकसभा चुनाव (2024) के लिए था। हमने दिल्ली और हरियाणा विधानसभा चुनाव अपने बूते लड़ा। हम बिहार (विधानसभा) चुनाव अकेले लड़ने जा रहे हैं। हमने पंजाब और गुजरात में उपचुनाव अपने बूते लड़ा। आप ‘इंडिया’ गठबंधन का हिस्सा नहीं है। हम लोकसभा में जोरदार तरीके से मुद्दे उठाएंगे। हमने हमेशा एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाई है।’’

कांग्रेस की आलोचना करते हुए, सिंह ने विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने में उसकी भूमिका पर सवाल उठाया। उन्होंने सवाल किया, ‘‘यह बच्चों का खेल नहीं है। क्या लोकसभा चुनाव (2024) के बाद उन्होंने कोई बैठक की? क्या ‘इंडिया’ गठबंधन के विस्तार की कोई पहल हुई? कभी वे अखिलेश यादव की आलोचना करते हैं, कभी उद्धव ठाकरे की, तो कभी ममता बनर्जी की। ‘इंडिया’ को एकजुट रहना चाहिए था। कांग्रेस इस गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है। लेकिन क्या इसने (विपक्षी एकता सुनिश्चित करने में) कोई भूमिका निभाई?’’

उधर, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि मानसून सत्र के दौरान पहलगाम आतंकी हमले के हमलावरों के अब तक न्याय के कठघरे से बाहर रहने, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर कुछ रक्षा अधिकारियों के खुलासे, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और चीन के विषय पर कम से कम दो दिनों की चर्चा होनी चाहिए तथा इस मांग को लेकर कोई समझौता नहीं हो सकता। विपक्ष यह मांग भी करेगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सदन में आकर इन विषयों पर जवाब दें।

उन्होंने कहा कि संसद में गतिरोध टालना और कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं, सरकार की है।

विपक्षी दल इस बैठक में बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम आतंकवादी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अचानक से ‘‘रोके जाने’’, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावे और कुछ अन्य विषयों पर चर्चा करेंगे।

विपक्ष से जुड़े सूत्रों का कहना है कि न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सत्तापक्ष की तरफ से महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना को लेकर भी चर्चा हो सकती है, हालांकि कांग्रेस ने स्पष्ट किया है कि वह प्रस्ताव के समर्थन में है और उसके सांसद हस्ताक्षर करेंगे।

संसद के मानसून सत्र से पहले राजनाथ, शाह और अन्य मंत्रियों ने की बैठक

उधर संसद के 21 जुलाई से शुरू हो रहे मानसून सत्र से पहले शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा और किरेन रीजीजू सहित कई केंद्रीय मंत्री शामिल हुए। रविवार को होने वाली सर्वदलीय बैठक से ठीक पहले रक्षा मंत्री के आवास पर इस बैठक का आयोजन किया गया।

माना जा रहा है कि मंत्रियों ने प्रासंगिक मुद्दों पर सरकार के रुख पर रणनीति बनाई, जबकि विपक्ष बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर), पहलगाम हमला और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सहित कई मुद्दों को संसद के मानसून सत्र में उठाने की तैयारियों में जुटा है।

हालांकि, बैठक के एजेंडे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है, लेकिन सूत्रों ने बताया कि यह मानसून सत्र से संबंधित थी।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री शाह, स्वास्थ्य मंत्री नड्डा और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू के अलावा, उनके मंत्रिमंडलीय सहयोगी पीयूष गोयल और जी किशन रेड्डी भी इस बैठक में शामिल हुए।