- मुख्यमंत्री ने हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों से किया सीधा संवाद
- कहा, हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से पारदर्शी तरीके से दी जा रही नौकरी
- ई.पी.एफ., ई.एस.आई, लेबर वेलफेयर फंड आदि का भी दिया जा रहा लाभ
चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार ने युवाओं को ठेकेदारी प्रथा से मुक्ति दिलाते हुए हरियाणा कौशल रोजगार निगम का गठन किया है। इसके माध्यम से शैक्षणिक योग्यता, आय इत्यादि सहित विभिन्न मानदंडों पर पारदर्शी तरीके से नौकरी दी जा रही है और ई.पी.एफ., ई.एस.आई, लेबर वेलफेयर फंड आदि का भी लाभ दिया जा रहा है। पहले से अनुबंध आधार पर कार्यरत 1.08 लाख से अधिक मैनपावर को निगम में समायोजित किया गया है। इसके अलावा अनुबंध आधार पर 17,785 नए कर्मी भर्ती किए गए हैं।
मुख्यमंत्री आज यहां सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत लगे कर्मचारियों से संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्ष में वर्तमान राज्य सरकार ने 1 लाख 10 हजार युवाओं को बिना खर्ची व पर्ची के योग्यता के आधार पर सरकारी नौकरियां दी है। साथ ही, आगामी 6 माह में 60 हजार और भर्तियां करने जा रही है। एचकेआरएन के तहत अब पैसा व अन्य लाभ उसी को मिल रहा है, जो वास्तव में काम कर रहा है।
मनोहर लाल ने कहा कि ठेकेदारों के माध्यम से अनुबंध आधार पर काम कर रहे कर्मचारियों को पूरा वेतन नहीं मिलता था। ई.पी.एफ., ई.एस.आई, लेबर वेलफेयर फंड आदि की सुविधा नहीं दी जाती थी। इस प्रकार की कई शिकायतें सरकार को मिलती थी और विभिन्न कर्मचारी संघों की मांग भी थी कि ठेकेदारी प्रथा को बंद किया जाए। कभी कभी तो ठेकेदारों और विभाग के बीच एक नैक्सस बन जाता था कि संख्या कुछ और बताई जाती थी जैसे कि 50 पदों की मंजूरी ली जाती थी और वेतन भी 50 पदों का ही जारी किया जाता था, लेकिन वास्तव में 40 या 45 को काम पर रखा जाता था। कभी-कभी तो नाम किसी का दिखाया जाता था और काम करने के लिए किसी अन्य व्यक्ति को भेज दिया जाता था। उदाहरण के तौर पर रामचन्द्र का नाम बताया जाता था, लेकिन श्याम प्रसाद काम करता था और पैसे किया और मोहन प्रसाद को पैसे मिल गए। इस प्रकार सरकार को और व्यक्तियों को नुकसान होता था। इसलिए राज्य सरकार ने ठेकेदारी प्रथा को समाप्त कर एचकेआरएन बनाया।
एचकेआरएन से निजी क्षेत्र में भी मिलेंगे रोजगार के अवसर
मनोहर लाल ने कहा कि इस वर्ष से हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से प्राइवेट सेक्टर में भी मैनपावर की नियुक्ति के लिए युवाओं की पहचान की है। इसके लिए उनका कौशल प्रशिक्षण किया जाता है तथा प्राइवेट सेक्टर में नियुक्ति में मदद करने की सेवाएं शुरू कर दी हैं।उन्होंने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के डेटा बेस में विभिन्न प्रकार की कौशल युक्त मैनपावर बड़ी संख्या में उपलब्ध है। इससे निजी क्षेत्र के उद्योगों को उनकी जरूरत के अनुसार मैनपावर मिलेगी, उनकी कौशल प्रशिक्षण लागत में भी कमी आएगी। साथ ही युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे ।
विदेश में मैनपावर भेजने के लिए सरकार ने मांगे हैं आवेदन
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम विदेशों में भी विभिन्न कार्यों के लिए मैनपावर उपलब्ध करवाने का काम करता है। विदेशों में मैनपावर की बड़ी मांग है। हमारे बहुत से युवा गलत तरीके से और एजेंटों के माध्यम से लाखों रुपये खर्च करके विदेशों में रोजगार प्राप्त करने जाते हैं। कई मामलों में उनके साथ धोखा भी होता है। कई युवा जीवन जोखिम में डालकर डोंकी के माध्यम से विदेश जाते हैं। हमने युवाओं को विदेशों में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए विदेश सहयोग विभाग स्थापित किया है। हम हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से भी युवाओं को विदेश में रोजगार पाने में मदद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में इजराइल, दुबई और युनाइटेड किंगडम द्वारा मैनपावर की मांग की गई है। इसके लिए हरियाणा कौशल रोजगार निगम ने विज्ञापन निकाला है, जिसमें इन देशों के लिए निर्माण श्रमिकों, सिक्योरिटी गार्ड, स्टाफ नर्स आदि के काम के लिए 10 हजार मैनपावर की आवश्यकता बताई गई है। इसमें 25 से 40 साल की आयु के इच्छुक युवाओं को निगम के पोर्टल पर पंजीकरण करने को कहा गया है। यह पहली बार हो रहा है कि कोई राज्य सरकार अपने युवाओं को विदेश में रोजगार पाने में सीधे ही मदद कर रही है। मनोहर लाल ने प्रदेश के युवाओं से अपील की कि वे कबूतरबाजी, डोंकी व अन्य गलत तरीके से विदेश भेजने वाले एजेंटों के झांसे में न आएं।