शाहपुर डाइट में पंजाबी शिक्षकों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न, साहित्यकार मीना नवीन ने किया संवाद
शिक्षकों को मातृभाषा और लोक भाषा के महत्व का भी गहन संदेश दिया
करनाल । शाहपुर स्थित जिला शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में चल रहे पंजाबी शिक्षकों के पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का रविवार को समापन हुआ। समापन अवसर पर पुआधी पंजाबी की प्रसिद्ध लेखिका और साहित्यकार मीना नवीन ने मुख्य अतिथि के रूप में शिक्षकों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि किसी भी भाषा के शिक्षण में बच्चे के परिवेश और उसकी मातृभाषा की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक को इसे कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
मीना नवीन ने पुआधी पंजाबी की कविताओं का पाठ कर शिक्षकों को भाषा की समृद्ध परंपरा से जोड़ा और उन्हें प्रेरित किया कि वे बच्चों को मातृभाषा के महत्व से अवगत कराएं। उन्होंने कहा कि यदि शिक्षक बच्चे की भाषा को समझेगा और उसका सम्मान करेगा, तभी वह उसके आत्मविश्वास को बढ़ा पाएगा। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि स्कूलों के पुस्तकालयों में पंजाबी साहित्य की किताबें अनिवार्य रूप से शामिल की जानी चाहिए, ताकि बच्चों में अपनी भाषा और संस्कृति के प्रति लगाव बने।
शिक्षक को पंजाबी भाषा की वर्णमाला, व्याकरण और उच्चारण में निपुण होना चाहिए : करनैल चंद
कार्यक्रम में स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. करनैल चंद ने शिक्षकों से कहा कि पंजाबी भाषा की वर्णमाला, व्याकरण और उच्चारण में उन्हें निपुण होना चाहिए, ताकि वे बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दे सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षण का कार्य केवल एकतरफा संवाद नहीं है, बल्कि कक्षा में बच्चों की सक्रिय भागीदारी भी आवश्यक है। यही कारण है कि एनसीईआरटी तकनीक और समय के साथ शिक्षकों को अपडेट रखने के लिए इस तरह के प्रशिक्षण आयोजित करता है।
प्रशिक्षण के अंतिम दिन शिक्षकों को कहानियों, मुहावरों, बुझारतों, लोक गीतों और लोक बोलियों जैसी विधाओं की बारीकियों से अवगत कराया गया। मास्टर ट्रेनर मैडम दविंदर कौर, मनप्रीत कौर, उम्मीत सिंह और गुरदीप सिंह ने शिक्षकों को नवीन और नवाचारी शिक्षण विधियों की जानकारी दी।
कार्यक्रम के दौरान साहित्यकार मीना नवीन का शिक्षकों द्वारा जोरदार स्वागत किया गया। समापन सत्र में सभी शिक्षकों को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ ही शिक्षकों ने डाइट प्रांगण के सौंदर्यीकरण और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पौधे भी भेंट किए।
ये भी रहे मौजूद
समापन अवसर पर डाइट इंचार्ज मनीष कुमार, नरेंद्र कुमार, सुनीता राणा, रेखा रानी, मुख्याध्यापक बलदेव सिंह, अनिता रानी बरसत, तजिंदर सिंह, गुरबाज सिंह, हरजिंदर सिंह, हरदयाल कौर, धूप सिंह, जरनैल सिंह और नरेश सैनी भी मौजूद रहे।
प्रशिक्षण में मिली सीख को स्कूलों में लागू करने का दिया आश्वासन
कार्यक्रम ने न केवल शिक्षकों को भाषा और शिक्षण की नई तकनीकों से अवगत कराया, बल्कि उन्हें मातृभाषा और लोक भाषा के महत्व का भी गहन संदेश दिया। शिक्षकों ने आश्वस्त किया कि वे इस प्रशिक्षण से मिली सीख को अपने स्कूलों में लागू करेंगे और बच्चों को मातृभाषा के माध्यम से ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।