- भाकियू का दावा, शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में पंजाब के 17 जिलों में 47 स्थानों पर प्रदर्शन
- खनौरी बार्डर पर हरियाणा पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे
होशियारपुर/अमृतसर/ हिसार । संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने शुक्रवार को ‘काला दिवस’ मनाया, और राज्य की सीमा पर दो जगह डेरा डाले प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ हरियाणा पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं के पुतले फूंके।
हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हिंसा में मारे गये किसान शुभकरण सिंह के प्रति शोक व्यक्त करने के लिए ‘एसकेएम ने ‘काला दिवस’ मनाने का आह्वान किया था।
इसबीच, हरियाणा पुलिस ने शुक्रवार को हिसार में पंजाब और हरियाणा की खनौरी सीमा की ओर बढ़ रहे किसानों को तितर-बितर करने के लिए आंसूगैस के गोले दागे।
एक और आंदोलनकारी किसान की हार्ट अटैक से मौत हो गई है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार हिसार-नारनौंद रोड पर ये किसान खेरी चोपटा गांव से खनौरी सीमा जा रहे थे, उसी दौरान पुलिस ने उन पर आंसूगैस के गोले दागे।पंजाब के बठिंडा निवासी शुभकरण सिंह (21) की मौत पंजाब और हरियाणा की सीमा खनौरी में बुधवार को हरियाणा पुलिस और पंजाब के किसानों के बीच हुई झड़प के दौरान हो गई थी।
यह घटना तब हुई जब किसानों को रोकने के लिए हरियाणा प्रशासन द्वारा लगाए गए कई स्तर के अवरोधकों को उन्होंने तोड़ने की कोशिश की और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई।
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने शुक्रवार को कहा कि उसने शुभकरण सिंह की मौत के विरोध में पंजाब के 17 जिलों में 47 स्थानों पर प्रदर्शन किया।भारती किसान यूनियन (भाकियू-एकता उगराहां), एसकेएम का हिस्सा है।
भाकियू (एकता उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज के पुतले फूंके।
अमृतसर में, किसानों ने मुख्य प्रवेश बिंदु न्यू गोल्डन गेट पर, भाजपा नीत केंद्र सरकार का पुतला फूंका।एसकेएम नेता रतन सिंह रंधावा ने कहा कि सीमा पर स्थित डोएकी, महिमा, पंडोरी, मोधे और रातोकी सहित विभिन्न गांवों में विरोध प्रदर्शन किया गया।
एसकेएम और व्यापार संघों के सदस्यों ने संयुक्त रूप से लुधियाना में लघु सचिवालय के बाहर प्रदर्शन किया।उन्होंने शाह, खट्टर और विज के पुतले फूंके।
प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों के इस्तीफे और सिंह की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।ठीक इसी तरह का प्रदर्शन होशियारपुर जिले में भी हुआ, जहां किसानों ने केंद्र और हरियाणा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
उन्होंने सरकार से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानून बनाने सहित प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें मानने की मांग की।
जब तक एफआईआर नहीं तब तक शुभकरण का अंतिम संस्कार नहीं
‘दिल्ली चलो’ विरोध प्रदर्शन में शामिल नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि हरियाणा पुलिस की पंजाब के किसानों के साथ हुई झड़प के दौरान मारे गए शुभकरण सिंह का अंतिम संस्कार तब तक नहीं किया जाएगा जब तक पंजाब सरकार घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करती।
पटियाला में संवाददाताओं से बातचीत में किसान मजदूर मोर्चा के नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री ने जोर दिया था कि शुभकरण की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
लेकिन अब अधिकारियों ने बताया कि यह संभव नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘हमने (शुभकरण के) परिवार से कहा कि इसमें दो दिन या 10 दिन लगे। हमारे लिए पैसे महत्वपूर्ण नहीं है।
हम प्राथमिकी दर्ज करने की मांग कर रहे हैं और उसके बाद ही अंतिम संस्कार होगा।’’पंधेर ने पंजाब सरकार के अधिकारियों पर आरोप लगाया कि वे शुभकरण के परिवार पर अंतिम संस्कार के लिए सहमत होने के लिए ‘दबाव’डाल रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में किसान मजदूर मोर्चा के साथ ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) के नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने दावा किया कि बठिंडा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि पुलिस हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘ अगर आप प्राथमिकी दर्ज नहीं कर सकते तो खुद को ‘पंजाब दे राखे'(पंजाब का रक्षक) कैसे कह सकते हैं?’’
डल्लेवाल ने कहा कि पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बताया कि अगर वे प्राथमिकी दर्ज करते हैं तो हरियाणा के सुरक्षाकर्मी भी जवाब में ऐसा ही करेंगे।