आखिर चुनाव आयोग हरियाणा और महाराष्ट्र की मतदाता सूचियां मुहैया कराने के लिए मान गया है। उसने दिल्ली हाईकोर्ट से कहा कि वह तीन महीने के भीतर वर्ष 2009 और 2024 के बीच हरियाणा और महाराष्ट्र में हुए चुनावों से संबंधित मतदाता सूचियों को मुहैया कराने पर फैसलै करेगा।
दिल्ली हाईकोर्ट में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग से हरियाणा और महाराष्ट्र में 2009 से 2024 के बीच हुए चुनावों से संबंधित मतदाता सूची उपलब्ध कराने की मांग से संबंधित आवेदन 29 दिसंबर 2024 को दिया गया था लेकिन चुनाव आयोग ने उस पर कोई फैसला नहीं लिया।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह ने चुनाव आयोग के वकील की इस दलील को दर्ज किया कि 2009 से संबंधित विवरण के मद्देनजर अभी तार्किक रूप से तत्काल निर्णय लेना संभव नहीं होगा। उन्होंने तीन महीने का समय मांगा।
अदालत ने कहा कि इस रिट याचिका का निपटारा ईसीआई के रुख को ध्यान में रखते हुए किया जाता है कि 29 दिसंबर, 2024 की रिट याचिका पर यथाशीघ्र और आज से तीन महीने के भीतर फैसला किया जाएगा।
सिंघवी ने कहा कि 24 फरवरी, 2025 को ईसीआई द्वारा संबंधित राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को एक पत्र जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि यदि आवश्यक हो तो सांसदों को अवसर प्रदान करने के बाद कानून के अनुसार प्रतिनिधित्व तय करने के लिए आदेश पारित किया जाए।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि इसके बावजूद प्रतिवेदन पर निर्णय लेने के लिए कोई समय अवधि निर्धारित नहीं की गई। आयोग के वकील ने कहा कि निर्णय यथासंभव शीघ्र लिया जाएगा।