क्या गर्म पेय पदार्थ वाकई कैंसर का कारण बनते हैं? 

क्या गर्म पेय पदार्थ वाकई कैंसर का कारण बनते हैं?

 विंसेंट हो, वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय

क्या गर्म पेय पदार्थ वाकई कैंसर का कारण बनते हैं? यह सवाल अकसर लोगों के बीच पूछा जाता है और यह स्वास्थ्य और खानपान के प्रति हमें होशियार रहने का अहसास भी कराता है।

जब आप कॉफी ऑर्डर करते हैं तो क्या आप इसे ‘‘ज्यादा गर्म’’ करने के लिए कहते हैं?

चाहे आप चाय, कॉफी या कुछ और पीना पसंद करते हों, गर्म पेय पदार्थ का चयन अत्यधिक व्यक्तिगत पसंद है। सर्वोत्तम स्वाद के लिए चाय बनाने के सही तापमान पर गरमागरम बहस होती है।

लेकिन हो सकता है कि आप किसी अन्य चीज पर विचार नहीं कर रहे हों: आपका स्वास्थ्य।

जी हां, गर्म पेय पदार्थ को बहुत अधिक गर्म किया जा सकता है – और ये कैंसर से भी जुड़े होते हैं। तो आइए, इसके प्रमाणों पर एक नजर डालते हैं।

गर्म पेय पदार्थ और कैंसर के बीच क्या संबंध है?

गर्म पेय पदार्थ और गले के कैंसर के बीच संबंध का कोई सबूत नहीं है और गर्म पेय पदार्थ और पेट के कैंसर के बीच संबंध का सबूत अस्पष्ट है। लेकिन गर्म पेय पदार्थ और ‘‘भोजन नली’’ या ग्रासनली के कैंसर के बीच एक संबंध है।

वर्ष 2016 में, कैंसर पर अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने बहुत गर्म पेय पदार्थों को पीने को, अर्थात 65 डिग्री सेल्सियस से ऊपर, ‘‘संभवतः मनुष्यों के लिए कैंसर की दृष्टि से खतरनाक’’ के रूप में वर्गीकृत किया था।

एजेंसी की रिपोर्ट में पाया गया कि इसके लिए पेय पदार्थ नहीं बल्कि तापमान जिम्मेदार था।

यह मुख्य रूप से दक्षिण अमेरिका से प्राप्त साक्ष्यों पर आधारित है, जहां अध्ययनों में बहुत अधिक मात्रा में मेट (एक पारंपरिक हर्बल पेय पदार्थ जिसे आमतौर पर 70 डिग्री सेल्सियस के आसपास पिया जाता है) पीने और ग्रासनली कैंसर के उच्च जोखिम के बीच संबंध पाया गया है।

पश्चिम एशिया, अफ्रीका और एशिया में इसी तरह के अध्ययनों ने भी बहुत गर्म पेय पदार्थ पीने और ग्रासनली कैंसर के बीच संबंध का समर्थन किया है।

हालांकि, हाल तक हमारे पास यूरोप और अन्य पश्चिमी आबादी में इस संबंध की खोज करने वाला कोई पर्याप्त शोध नहीं था।

इस वर्ष, ब्रिटेन में लगभग पांच लाख वयस्कों पर किए गए एक बड़े अध्ययन से यह पुष्टि हुई कि अधिक मात्रा में बहुत गर्म पेय पदार्थ (चाय और कॉफी) पीने से ग्रासनली (भोजन नली) कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

अध्ययन में पाया गया कि जो व्यक्ति प्रतिदिन आठ या अधिक कप बहुत गर्म चाय या कॉफी पीता है, उसमें ग्रासनली कैंसर होने की आशंका, गर्म पेय पदार्थ न पीने वाले व्यक्ति की तुलना में लगभग छह गुना अधिक होती है।

गर्म पेय पदार्थ कैंसर का कारण कैसे बनते हैं?

बहुत अधिक गर्म पेय पदार्थ पीने से ग्रासनली की परत की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, और ऐसा माना जाता है कि समय के साथ यह कैंसर का कारण बन सकता है। शोधकर्ताओं ने लगभग 90 साल पहले पहली बार इस संबंध का प्रस्ताव रखा था।

गर्म पेय पदार्थ किस प्रकार ग्रासनली को नुकसान पहुंचा सकते हैं, इसके बारे में हम जो जानते हैं वह मुख्यतः पशु अध्ययनों से आता है।

बहुत गर्म पानी कैंसर के खतरे को बढ़ा सकता है। वर्ष 2016 में किए गए एक पशु अध्ययन में कैंसर के प्रति संवेदनशील चूहों का अध्ययन किया गया था। बहुत गर्म पानी (70° डिग्री सेल्सियस) दिए गए चूहों में कम तापमान वाला पानी दिए गए चूहों की तुलना में, ग्रासनली में कैंसर-पूर्व वृद्धि होने की आशंका अधिक थी।

कैंसर का खतरा इस बात पर निर्भर करता है कि आप एक बार में कितना गर्म तरल पदार्थ पीते हैं और कितनी जल्दी। ऐसा लगता है कि एक बार में अधिक गर्म पेय पदार्थ पीने से गर्मी के कारण ग्रासनली को नुकसान पहुंचने की आशंका अधिक होती है।

गर्म पेय पदार्थों का सुरक्षित सेवन करने के सुझाव

1) धीरे चलें, अपना समय लें और आनंद लें।

2) बहुत गर्म पेय पदार्थ को ठंडा होने के लिए समय देना महत्वपूर्ण है और शोध से पता चला है कि गर्म पेय पदार्थ का तापमान पांच मिनट में 10-15 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है।

अन्य चीजें जो गर्म पेय पदार्थ को ठंडा करने में मदद कर सकती हैं:

1) फूंक मारकर पीना

2) पेयपदार्थ की बोतल का ढक्कन हटाना। ढक्कन हटाकर रखी गई कॉफी ढक्कन लगाकर रखी कॉफी की तुलना में दोगुनी तेजी से ठंडी हो सकती है।

3) कुछ ठण्डा पानी या दूध मिलाना।