Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत सच्चे क्रांतिकारी कहलायेंगे मुनेश त्यागी किसानों मजदूरों के राज के गीत जो कोई भी खुलकर गायेंगे, कोई भी… Pratibimb Media13 November 202413 November 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतसाहित्य/पुस्तक समीक्षा उर्दू है मिरा नाम मैं हूँ ख़ुसरव की पहेली ऊर्दू दिवस की दिली मुबारकबाद — इकबाल अशहर उर्दू है मिरा नाम मैं हूँ ख़ुसरव की पहेली मैं… Pratibimb Media11 November 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत ओम प्रकाश तिवारी की पांच कविताएं 1. डर और कुदरत ……… कौन नहीं डरता है अंधेरे से डर को भी डर लगता है अंधेरे से… Pratibimb Media10 November 202411 November 2024
Blogअंतरराष्ट्रीयकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत कार्ल सैंडबर्ग की कुछ और कविताएं दीपक वोहरा द्वारा अनुवाद की हुई कार्ल सैंडवर्ग की कविताएं हम पहले भी प्रतिबिम्ब मीडिया में प्रकाशित कर चुके हैं।… Pratibimb Media9 November 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत देखिए ना, भगवानों का दिया हुआ सब कुछ तो है… मुनेश त्यागी जुल्म है गरीबी है शोषण है अन्याय है। बेबसी है बेकसी है लाचारी है भुखमरी है। … Pratibimb Media7 November 20247 November 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत टी.एस. इलियट की कविताएं कवि और अनुवादक दीपक वोहरा ने अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि टी.एस. इलियट की कविताओं का अनुवाद किया है। उन्होंने केवल… Pratibimb Media28 October 202429 October 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतहरियाणा दीपक वोहरा की कविता इधर झोपड़ी उधर महल है देखो!धन्ना सेठ का कैसा खेल है एक तरफ असंख्य दीये रोशनी की चकाचौंध दूसरी तरफ… Pratibimb Media27 October 202427 October 2024
Blogअंतरराष्ट्रीयकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत हिंदू -मुस्लिम एकता और आजादी के हामी महान क्रांतिकारी शहीद अशफाक उल्लाह खान मुनेश त्यागी “मेरा दिल गरीब किसानों और दुखिया मजदूरों के लिए हमेशा दुखी रहता है। हमारे शहरों में रौनक इन्हीं… Pratibimb Media23 October 202423 October 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांतहरियाणा रोज़लीन की तीन कविताएं गीली गार के खिलौने समाजिक स्तंभ कैसे खड़े करूं अपनी कविता में? जबकि! समूची दुनिया से दूर कहीं छुट –… Pratibimb Media22 October 202422 October 2024
Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत कर्म चन्द केसर की हरियाणवी ग़ज़ल यैं जो सिर पै ताज सजाए बेट़्ठे सैं। थ्हारे हक की रोट़्टी खाए बेट़्ठे सैं। कौण किस्याँ पै राजी… Pratibimb Media22 October 2024