Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत

दीपक वोहरा की कविता -मलबे में दबा हुआ राष्ट्र

मलबे में दबा हुआ राष्ट्र दीपक वोहरा  मलबे में सिर्फ़ बच्चे नहीं दबकर मरे, इस देश की रूह मर गई…

Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत

मुनेश त्यागी की कविता – भाईचारा और हिंदुस्तान खतरे में

भाईचारा और हिंदुस्तान खतरे में   मुनेश त्यागी   जनतंत्र खतरे में आज़ादियां खतरे में मैं देख सुन रहा हूं…

Blogकविता /कहानी/ नाटक/ संस्मरण / यात्रा वृतांत

मंजुल भारद्वाज की कविता- कौन सी लकीर खींची है

कौन सी लकीर खींची है मंजुल भारद्वाज   ना जाने हुक्मरानों ने धर्म अधर्म की कौन सी लकीर खींची है…